देशभर में जहां दशहरे पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, 26/11 का मास्टरमाइंड हाफिज सईद और कई अन्य आतंकी संगठनों के मुखिया, रावण के पुतलों का चेहरा रहे और उनका दहन भी किया गया वहीं जेएनयू के छात्रों के एक वर्ग ने जेएनयू परिसर में प्रसिद्ध सरस्वती ढाबा में रावण के पुतले के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व भाजपा प्रमुख अमित शाह के पुतले भी जलाये।
Photo courtesy: hindustan times.comउल्लेखनीय है कि बीते दिनों विविद्यालय में गुजरात सरकार व गौ रक्षकों का पुतला फूंके जाने पर विविद्यालय ने प्रॉक्टोरियल जांच का फैसला लिया था. साथ ही विद्यार्थियों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया।
कांग्रेस से जुड़ी नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन आफ इंडिया (एनएसयूआई) के सदस्यों ने बीती रात रावण के तौर पर मोदी का पुतला जलाकर दशहरा मनाया. एनएसयूआई ने दावा किया कि यह केन्द्र द्वारा अपने वादों को पूरा करने में विफलता और देशभर में विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों पर सतत हमले के खिलाफ उसका विरोध था।
भाषा की खबर के अनुसार, इन पुतलों में मोदी और शाह के चेहरों के अलावा योग गुरू रामदेव, साध्वी प्रज्ञा, नाथूराम गोडसे, आसाराम बापू और जेएनयू के कुलपति जगदीश कुमार के चेहरे थे। छात्रों ने हाथों में तख्तियां भी ले रखी थी जिन पर नारा लिखा था, ‘बुराई पर सच्चाई की विजय’. एनएसयूआई के छात्र नेता सन्नी धीमन ने कहा कि केंद्र में भाजपा सरकार के वायदे को पूरे करने के असफलता व शैक्षणिक संस्थानों पर लगातार हमले के विरोध भी किया गया है।
इस दौरान विद्यार्थियों ने नारे लिखे प्लेकार्ड भी लिए हुए थे. जिसपर लिखा था बुराई पर सचाई की हमेशा जीत होती है. सन्नी ने कहा कि जब भी हम आवाज उठाते हैं तो सरकार के निर्देश पर विविद्याल प्रशासन विद्यार्थियों को दबाते हैं. इसकी स्वीकृति के बारे में जब पूछा गया तो किसी भी अधिकारी ने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया।