पाकिस्तानी संसद में पारित हुआ प्रस्ताव, कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा नहीं

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पाकिस्तान की संसद ने शुक्रवार (7 अक्टूबर) को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर कश्मीर के भारत का अभिन्न हिस्सा होने के भारत के दावे को खारिज कर दिया और साथ ही कश्मीर सहित सभी लंबित मुद्दों के हल के लिए भारत सरकार के साथ परिणाम उन्मुख बातचीत का आह्वान किया।

पाकिस्तानी संसद के संयुक्त सत्र में भारत के साथ जारी तनाव को लेकर बुधवार से चर्चा चल रही थी। संसद सत्र में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कश्मीर में ‘मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन’ की स्वतंत्र जांच कराने की अपील की गई।

Photo courtesy: jansatta

भाषा की खबर के अनुसार, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव में विश्व समुदाय से कश्मीर में ‘भारत की बर्बरताओं’ को रोकने में अपनी भूमिका निभाने की अपील की गयी। प्रस्ताव में हुर्रियत नेताओं एवं मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को नजरबंद करने को लेकर भी चिंताएं जताई गईं और भारत सरकार से उन्हें रिहा करने की अपील की गई। रेडियो पाकिस्तान की खबर के अनुसार प्रस्ताव में ‘उन कठोर कानूनों की निंदा की गई जो भारतीय बलों को दंड मुक्त रखते हैं।’

इसमें कश्मीर के भारत का अभिन्न हिस्सा होने के भारत के दावे को खारिज करते हुए उसे संयुक्त राष्ट्र के एजेंडे में शामिल एक ‘विवादित क्षेत्र’ बताया गया। प्रस्ताव में भारत सरकार से लोगों को ‘आतंकित’ करने पर तत्काल रोक लगाने और अंतरराष्ट्रीय एवं मानवीय कानूनों को लेकर अपनी प्रतिबद्धता पूरी करने की अपील की गई। इसमें भारत द्वारा ‘संघर्ष विराम के बार बार उल्लंघन करने’ की निंदा की गई।

प्रस्ताव में जम्मू-कश्मीर सहित सभी लंबित विवादों के हल के लिए भारत के साथ ‘परिणाम उन्मुख बातचीत’ की पाकिस्तान की इच्छा दोहरायी गई। बुधवार (5 अक्टूबर) को सत्र की शुरुआत होते ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी पर पलटवार करते हुए कहा था कि ‘खेतों में टैंक चलाकर’ गरीबी का खात्मा नहीं किया जा सकता। उन्होंने एक बार फिर उकसाऊ बयान देकर हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी को ‘कश्मीर का दिलेर बेटा’ बताया।

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