बागपत की एक महिला अपनी तीन साल की बच्ची की लाश गोद में लेकर जिला अस्पताल के इमरजेंसी की चौखट पर रात भर बैठी रहीं।
तेज बुखार की वजह से उसकी बच्ची की मौत हो गई थी। मां उसका शव गांव ले जाना चाहती थी, लेकिन महिला के पास ढाई हजार रुपए नहीं थे। जिसकी वजह से निजी एम्बुलेंस के चालक ने शव बागपत पहुंचाने से इनकार कर दिया।
बृहस्पतिवार रात करीब नौ बजे हालत बिगड़ने पर बच्ची को मेरठ मेडिकल अस्पताल रेफर कर दिया गया। जहां पहुंचते ही डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। करीब दो घंटे तक बच्ची की मां मेडिकल इमरजेंसी के बाहर खड़ी सरकारी एम्बुलेंस से बच्ची के शव को अपने गांव ले जाने की मिन्नत करती रही। लेकिन सबने जाने से इनकार कर दिया
गौरतलब है कि कुछ ही दिन पहले ओडिशा में एक व्यक्ति की अपनी पत्नी के शव को कंधे पर उठाए कई किलोमीटर पैदल चलने की तस्वीरें सामने आई थीं, जिसे अस्पताल ने शववाहन की सुविधा देने से इंकार कर दिया था।
            

















