सेंसरशिप को लेकर बड़े विवाद में फंसे “उड़ता पंजाब” के समर्थन में आगे आते हुए निर्माता-निर्देशकों महेश भट, मुकेश भट और अनुराग कश्यप ने आज आरोप लगाया कि बोर्ड जानबूझकर फिल्म के प्रमाणण में देरी कर रहा है।
भाषा के अनुसार बोर्ड ने फिल्म के नाम सहित पूरी फिल्म से ‘‘पंजाब’’ शब्द हटाने और कहानी में कथित तौर पर 89 कट करने को कहा है। बोर्ड का यह फैसला निर्माताओं को कुछ रास नहीं आया है और वे इसके खिलाफ बंबई उच्च न्यायालय चले गए हैं।
महेश भट ने कहा कि यह शर्म की बात है कि “आईना दिखाने’” वाली एक फिल्म जो मादक पदाथरें के इस्तेमाल को लेकर भारतीय समाज को शर्मसार करना चाहती है उसकी “हत्या की जा रही है।”
उन्होंने कहा, “यह इंडस्ट्री की समस्या बिल्कुल नहीं है, यह इस देश की समस्या है।” महेश भट के भाई और फिल्म एंड प्रोड्यूसर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मुकेश भट ने कहा, “यह व्यक्ति जो सिर्फ अवरोधक है, सहायक नहीं उसे हटा देना चाहिए। यह कुछ ऐसा है जो बर्दाश्त के लायक नहीं है, जो फिल्मी जगत को अस्वीकार्य है और हम उसे बाहर देखना देखना चाहते हैं। उनका यह कदम दुर्भावनापूर्ण और अनैतिक है। वह झूठ बोलते हैं, प्रक्रिया में देरी करते हैं और लोगों को परेशान करते हैं।”
उन्होंने कहा, “मैं मंत्रालय से पहलाज निहलानी को हटाने का अनुरोध करता हूं, फिल्म इंडस्ट्री उन्हें पद पर नहीं चाहती है।” निर्देशक जोया अख्तर का कहना है कि रेत में सिर छुपाने से समस्याएं हल नहीं होंगी।
उन्होंने कहा, “आप किसी चीज को व्यस्क प्रमाणपत्र देकर उसमें 89 कट नहीं कर सकते।”