उत्तर प्रदेश के शहर नॉएडा स्थित दादरी में सोमवार को भाजपा नेता संजय राणा के नेतृत्व में भिशडा गाँव के निवासियों ने दफा 144 का खुलेआम उल्लंघन किया और पुलिस तमाशाई बनी रही।
जैसा के जनता का रिपोर्टर ने रविवार को अपनी रिपोर्ट में कहा था कि राणा ने किस तरह नॉएडा के SSP से मिलकर मोहम्मद अखलाक के परिवार वालों के विरुद्ध FIR दायर करने की मांग की थी।
अपनी मांग ना पूरी होने पर राणा ने पुलिस को महापंचायत करने की धमकी दी थी। हालात बेकाबू ना हो, इसे देखते हुए पुलिस ने आज गाँव में दफा 144 लागू कर दिया था जिस के तहत गाँव में किसी को भीड़ इकट्ठा करने की अनुमति नहीं थी।
लेकिन संजय राणा और उनके समर्थकों ने खुलेआम इस का उल्लंघन किया और स्थानीय पुलिस वाले तमाशा देखते रहे।
यही नहीं संजय राणा ने प्रशासन को धमकी देते हुए कहा, “20 दिन में सरकार को सभी विकल्पों पर विचार करना चाहिए और हमारी मांगें सुननी चाहिए। नहीं तो, लोगों के इस गुस्से को काबू में रखने की क्षमता मेरे गांव में नहीं है।”
दरअसल पिछले सितम्बर में एक उग्र भीड़ ने मोहम्मद अखलाक को इस शक में मार डाला था कि उन्होंने अपने घर में गाय का मांस खाया और छुपा कर रखा था।
हत्या के आरोप में गिरफ्तार अधिकतर आरोपियों का सम्बन्ध संजय राणा के परिवार से है। राणा का पुत्र, विशाल, भी इस का एक मुख्या आरोपी है और इस समय जेल में बंद है।
बाद में फॉरेंसिक रिपोर्ट में ये साबित हो गया था कि मोहम्मद अखलाक के घर से मिलने वाला मांस गाय का नहीं बल्कि बकरे का था।
लेकिन हाल ही में एक और फॉरेंसिक रिपोर्ट सामने आई जिसमे मांस को गाय या इस की प्रजाति का बताया गया था परन्तु पुलिस के अनुसार ये मांस अखलाक के घर से नहीं बल्कि गाँव के एक चौराहे से मिला था।
राणा की मांग है कि दुसरे फॉरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर अखलाक के परिवार वालों पर गौ हत्या का मामला दर्ज किया जाय।
राणा और उसके समर्थकों द्वारा पुलिस आदेशों का इस तरह धज्जी उड़ाया जाना काफी चिंताजनक है। उत्तर प्रदेश में अगले साल चुनाव हैं और राज्य की सत्ताधारी समाजवादी पार्टी पर अक्सर भाजपा के साथ सांठ गाँठ के आरोप लगते रहे हैं।
सोमवार की घटना जहां पुलिस का क़ानून का उल्लंघन करने वाले भाजपा समर्थकों के विरुद्ध कोई कार्रवाई ना करना उन आरोपों को वैधता प्रदान करता है।