जैश-ए-मुहम्मद के नेटवर्क का भंडाफोड़ करने वाला स्पेशल सेल का दावा बढ़ा चढ़ाकर पेश किया गया है। ऐसा गृह मंत्रालय के एक अफसर ने द हिंदू अख़बार से कहा है। होम मिनिस्ट्री स्पेशल सेल के इस दावे से नाराज़ है कि गोकलपुरी, लोनी और देवबंद से गिरफ्तार तीन लड़के जैश-ए-मुहम्मद से जुड़े हुए थे।
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अफसर ने कहा कि लड़के ‘रेडिकल’ हो गए थे और इस्लामिक स्टेट से प्रेरित हो रहे थे लेकिन जैश-ए-मुहम्मद से इनका संबंध नामुमकिन है। गृह मंत्रालय की तरफ से स्पेशल सेल को कड़ी हिदायत दी गई थी कि बेगुनाह लड़कों को नहीं फंसाया जाए। तीन गिरफ्तारियों से इतर स्पेशल सेल ने 9 लड़कों को हिरासत में ले रखा है। उनसे अभी भी पूछताछ जारी है।
वहीं गिरफ्तारी के बाद स्पेशल सेल का दावा किया था कि ‘इंट्रोगेशन में मुख्य आरोपी साजिद (19) ने जैश के साथ अपने संबंध कुबूल किए हैं। 2014 में साजिद मसूद अज़हर के भाषण से प्रभावित हुए। वो सीलमपुर के मदरसा संचालक अब्दुल समी कासमी के भाषण भी सुनते थे।’
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गृह मंत्रालय के अफसर ने कहा है कि दिल्ली, गाज़ियाबाद और देवबंद से गिरफ्तार लड़कों का जैश कनेक्शन जोड़ने से पहले स्पेशल सेल को ज़रूरी काम ढंग से करना चाहिए था। बहुत सारे लड़के इस्लामिक स्टेट से प्रभावित हैं। ये ग्रुप भी उनमें से एक है लेकिन इन सभी को गिरफ्तार करने का कोई मतलब नहीं है।