मशहूर पत्रकार और पूर्व कैबिनेट मंत्री अरूण शौरी ने एक टीवी को दिए गए अपने साक्षात्कार में प्रस्तोता करण थापर के साथ 40 मिनट की बातचीत में मोदी सरकार के 2 साल के कामकाज का विशलेषण किया और चेतावनी दी कि अगले तीन साल में उन्हें ‘अरूचिकर आवाजों’ का गला घोंटने की प्रवृत्ति दिखने के अलावा ‘नागरिक स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने की और अधिक व्यवस्थित कोशिश’ में वृद्धि की आशंका नजर आती है।
अरूण शौरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ‘अहंकारी’ होने और एक व्यक्ति के प्रभुत्व वाली ‘राष्ट्रपति प्रणाली की सरकार’ चलाने का आरोप लगाया है। शौरी ने कहा कि ऐसी सरकार की दिशा भारत के लिए खतरनाक है।
‘टू द प्वाइंट’ नामक इस कार्यक्रम में करण थापर से पीएम मोदी पर बोलते हुए अरूण शौरी ने कहा कि ‘वह बहुत हद तक आत्ममुग्ध हैं’ और उनमें असुरक्षा का बोध है। उन्होंने उन पर यह भी आरोप लगाया कि वह अपने फायदे के लिए घटनाओं का दोहन करते हैं।
जनसत्ता की खबर के अनुसार शौरी ने अगस्तावेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे पर चल रहे विवाद का भी जिक्र किया और कंपनी के दो पूर्व प्रमुखों गुइसेप्पी ओरसी और ब्रूनो स्पागोलिनी के इतालवी अदालत से बरी होने के खिलाफ अपील नहीं करने को लेकर मोदी सरकार की आलोचना की।
उनके अनुसार इतालवी अपीलीय अदालत का यह कहना कि इस मामले में उसे भारत सरकार से मदद नहीं मिली , मोदी सरकार के लिए खास है। शौरी को घर वापसी, लव जिहाद, बीफ पर पाबंदी, पुरस्कारों की वापसी, राष्ट्रवाद के विरोध के खिलाफ अभियान, भारत माता की जय पर फोकस और विद्यार्थियों के प्रदर्शन में एक स्पष्ट तरह की तार्किकता नजर आती है। उनके मुताबिक, यह सब ‘‘जानबूझकर सरकार द्वारा गढ़ा गया।’’
उन्होंने कहा कि इनका इरादा ‘टकराव और ध्रुवीकरण’ पैदा करना है और मोदी ने भारत में जानबूझकर विभाजन पैदा किया जो ‘बांटो एवं शासन करो’ की नीति है। हालांकि उन्होंने माना कि मोदी के शासन में केंद्र में भ्रष्टाचार बिल्कुल कम हो गया या गायब हो गया लेकिन उन्होंने मध्यमप्रदेश के व्यापम घोटाला , ललित मोदी प्रकरण और सारदा घोटाले के उदाहरण देते हुए कहा कि लेकिन राज्यों के संदर्भ में जानबूझकर कुछ नहीं किया गया।
पूर्व मंत्री ने कांग्रेस शासित राज्यों-उत्तराखंड और अरूणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाये जाने को ‘असंवैधानिक’ करार दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा द्वारा जानबूझकर दलबदलुओं को आकर्षित करने और आमंत्रित करने की नीति पार्टी को कमजोर करेगी। शौरी मोदी द्वारा पाकिस्तान के साथ रिश्ते को संभालने के तौर तरीके के बड़े आलोचक नजर आए और उन्होंने कहा, ‘‘हमने पाकिस्तान की नजर में खुद को बेवकूफ बना लिया है।’’