गृह मंत्रालय की संसदीय स्थाई समिति के मुताबिक पंजाब में पठानकोट वायुसेना अड्डे की सुरक्षा मजबूत नहीं थी। समिति ने दो जनवरी को वहां हुए आतंकी हमले से पहले सुरक्षा खामियों पर भी उंगली उठाई है। इस हमले में सात भारतीय सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे। समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि वायुसेना अड्डे का सुरक्षा कवच मजबूत नहीं था और इसकी चारदीवारी पर नजर रखने की व्यवस्था भी कमजोर थी। गश्त लगाने के लिए वायुसेना अड्डे के चारों ओर सड़कें भी नहीं थीं।
उल्लेखनीय है कि संसदीय समिति की रिपोर्ट मंगलवार को संसद के पटल पर रखी गई है। संसदीय समिति ने वायुसेना अड्डे का दौरा किया था। समिति ने सवाल किया है कि यह बात समझ से परे है कि जब काफी पहले ही आतंकी अलर्ट जारी किया गया था, फिर भी आतंकवादी उच्च सुरक्षा वाले वायुसेना अड्डे में घुसने में कामयाब रहे और वहां हमले किए।
समिति ने कहा कि जब हमें पता है कि इतना बड़ा हमला पाकिस्तान की मदद के बिना नहीं हो सकता है और यह भी जानकारी मिल गई थी कि इसके पीछे सीमा पार के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद है तो पाकिस्तान से क्यों मदद मांगी गई।
समिति ने सरकार को सुझाव दिया है कि पाकिस्तान से लगी सीमा पर गश्त बढ़ाकर, बाड़ लगाकर और फ्लड लाइटें लगाकर सीमा को प्रभावी ढंग से सील करने पर ध्यान दे।