रोड रेज हत्याकांड को कर्नाटक के गृह मंत्री ने दिया सांप्रदायिक रंग, बाद में मांगी माफी; विपक्ष ने साधा निशाना

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कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने हाल ही में अपने एक बयान में कहा था कि राज्य की राजधानी में एक युवक की उर्दू में बात करने से इनकार करने पर उसकी हत्या कर दी गई थी। लेकिन, बाद में वह इस बयान से पीछे हट गए और इसके लिए माफी मांगी। ज्ञानेंद्र का यह बयान ऐसे समय में आया है जब पूरा राज्य अशांति के दौर से गुजर रहा है। वहीं, मंत्री ने बयान पर मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा कि उन्हें स्थिति की जानकारी नहीं है।

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अरागा ज्ञानेंद्र के बयान के बाद विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने उनके इस्तीफे की मांग की है और पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने उन्हें यह कहते हुए घेरा है कि वह हत्याओं के मामलों में भी राजनीति करने के स्तर तक गिर गए हैं।

बता दें कि, 22 वर्षीय चंद्रू की रोड रेज के एक मामले में मंगलवार मध्यरात्रि को बेंगलुरु के जे जे नगर थाना क्षेत्र की सीमा में लोगों के एक समूह द्वारा हत्या कर दी गई थी।

समाचार एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक, गृह राज्य मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने बुधवार को कहा कि चंद्रू की हत्या इसलिए की गई क्योंकि वह आरोपियों से उर्दू में बात नहीं कर सकता था। गृह मंत्री ने कहा, उर्दू में बात करने से इनकार करने और कन्नड़ भाषा में बात करने के लिए जोर देने के लिए हत्या को अंजाम दिया गया है। उसकी चाकू मारकर हत्या कर दी गई।

उन्होंने कहा, यह एक बर्बर घटना है। झगड़े के बाद उन्होंने अचानक उसे चाकू मार दिया और उसकी हत्या कर दी। मैंने पुलिस से कार्रवाई शुरू करने को कहा है। पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है और अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।

हालांकि, अपने बयानों के तुरंत बाद ज्ञानेंद्र ने स्पष्ट किया कि उर्दू बोलने से इनकार करने पर युवक की हत्या पर उनका बयान गलत था। उन्होंने कहा, मैंने प्रारंभिक सूचना प्राप्त करने के बाद बात की थी। पुलिस ने एक विस्तृत रिपोर्ट दी है। यह रोड रेज का मामला है। मेरा बयान गलत था। गृह मंत्री के रूप में, मुझे सच बोलना होगा। हत्या का कारण सड़क दुर्घटना है।

अरागा ज्ञानेंद्र के बयान पर निशाना साधते हुए विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने उन्हें अक्षम मंत्री करार दिया। उन्होंने कहा, उन्होंने बजरंग दल कार्यकर्ता हर्षा की हत्या के मामले और मैसूर सामूहिक बलात्कार मामले में भी इस तरह के बयान दिए थे। वह पोर्टफोलियो को बनाए रखने में सक्षम नहीं हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसा व्यक्ति हमारा गृह मंत्री है।

सिद्धारमैया ने कहा, शुरूआत में ज्ञानेंद्र ने कहा था कि हर्ष के खिलाफ आपराधिक मामले थे और बाद में इनकार कर दिया। मैसूर सामूहिक बलात्कार मामले में उन्होंने कहा था कि महिलाओं को विषम घंटों के दौरान अलग-अलग जगहों पर क्यों आना चाहिए।

वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने कहा, उन्होंने हिंदू के बजाय दलित शब्द का इस्तेमाल किया था। यह एक तुच्छ बयान है। उन्होंने राज्य में भी हत्याओं में राजनीतिक एजेंडा चलाना शुरू कर दिया है।

इस बीच, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने बुधवार को अपनी नई दिल्ली यात्रा के दौरान कहा कि उन्हें गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र के बयानों की जानकारी नहीं है और जानकारी मिलने के बाद वह प्रतिक्रिया देंगे।

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