बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान की गिरफ्तारी मामले में एनसीबी के गवाह प्रभाकर सेल की मौत ने समीर वानखेड़े के खिलाफ और केंद्र सरकार की ड्रग-विरोधी एजेंसी के कामकाज सहित उनके गंभीर आरोपों को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं।
बता दें कि, प्रभाकर सेल का शुक्रवार को अचानक निधन हो गया। उनके वकील तुषार खंडारे के अनुसार, कल चेंबूर के माहुल इलाके में उनके आवास पर दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। प्रभाकर सेल के निधन ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है।
सेल ने पिछले साल संवाददाताओं से कहा था कि उन्हें अपनी जान का खतरा है और किसी भी समय उनकी हत्या हो सकती है।
सेल ने एनसीबी पर पंच गवाहों के रूप में ‘कई ठगों’ को नियुक्त करने का आरोप लगाया था, जो अन्य गंदे काम करने वालों में शामिल हैं। उन्होंने कहा था कि एनसीबी के गवाहों के तौर पर काम करने वाले ‘बिल्कुल वही ठग’ उन्हें मारने के लिए इस्तेमाल किए जाएंगे। उन्होंने कहा था, “मेरी जान को खतरा है। मुझे किसी भी समय मारा जा सकता है।”
सेल उन नौ गवाहों में से एक था जिनके नाम बाद में एनसीबी ने जारी किए थे। सेल ने कहा था कि गोसावी के लापता होने के बाद उसे अपनी जान का खतरा है। उनके अनुसार, यही कारण था कि उन्होंने एक हलफनामा दाखिल करने का फैसला किया। मुंबई पुलिस ने बाद में प्रभाकर सेल को सुरक्षा मुहैया कराई थी।
प्रभाकर सेल ने आर्यन खान मामले में कई सनसनीखेज खुलासे किए थे, जिसकी वजह से वो चर्चा में आ गया था। प्रभाकर सेल मुंबई क्रूज ड्रग्स केस में स्वतंत्र गवाह थे, जिन्होंने दावा किया था कि वह वह केपी गोसावी के पर्सनल बॉडीगार्ड थे, जिनकी शाहरुख खान के बेटे के साथ एक सेल्फी वायरल हुई थी। सेल द्वारा किए गए सनसनीखेज दावों की जांच के लिए मुंबई पुलिस ने चार सदस्यीय टीम भी बनाई थी।
सेल ने आरोप लगाया था कि शाहरुख से 25 करोड़ रुपये लेकर वानखेड़े को 8 करोड़ रुपये दिए जाने थे। उन्होंने कहा था कि मुंबई के लोअर परेल इलाके में सैम डिसूजा को फिरौती के पैसे का एक हिस्सा दिया गया था।
सैम डिसूजा ने बाद में बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें शाहरुख खान की मैनेजर पूजा ददलानी से जुड़े जबरन वसूली के सेल के दावों की पुष्टि की गई थी। लाइव लॉ की रिपोर्ट मुताबिक, डिसूरजा ने भी पुष्टि की थी कि आर्यन खान को संकट से उबारने के लिए उन्होंने केपी गोसावी के कहने पर ददलानी से 50 लाख रुपये लिए थे। हालांकि, उसने यह जानने के बाद पैसे वापस करने का फैसला किया कि गोसावी एक धोखाधड़ी थी।
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