मुश्किल हालात में अपनी जान पर खेलकर दूसरों के प्राण बचाने वाले बहादुर बच्चों को इस वर्ष का राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से नवाजेगें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी। 24 जनवरी को उन्हें ये पुरस्कार दिया जाएगा। इस वर्ष के लिये 25 बच्चों को ये पुरस्कार दिया जाना है। जिनमें 3 लड़कियां और 22 लड़के शामिल है। इनमें से 2 बच्चों को मरणोपरांत ये पुरस्कार दिया जाएगा।
ये बच्चे 26 जनवरी पर आयोजित गणतंत्र दिवस की परेड में भी हिस्सा लेगें। इन सभी 25 बच्चों की कोई ना कोई कहानी है जिसने किसी के जीवन मंे सांसो का उजाला फैलाया है। इसमें चाहे रायगढ़ का 11वी कक्षा में पढ़ने वाला सर्वानंद साहा हो जिसने 6 अगस्त की शाम स्कूल से घर लौटते समय महानदी में बाढ के पानी में डुबते हुए राजेन्द्र चैहान नामक युवक को अपनी जान की परवाह किए बगैर सुरक्षित बाहर निकाला जो मोटर साईकल से सड़क पार करते हुए नदी में जा गिरा था।
या फिर छत्तीसगढ़ की छठी कक्षा में पढ़ने वाली जोयना चक्रवती हो जिसने दिल्ली के पहाड़गंज इलाके में भीड़ से भरी हुई व्यस्त सड़क पर एक चोर से मुकाबला किया। सभी 25 बच्चों की कोई ना कोई कहानी है। इन 25 बच्चों में से दूसरों की जान बचाते हुए 2 बच्चों ने अपनी जान तक की कुर्बानी दे दी। ऐसे बहादुर को बच्चों को सम्मानित कर देश और सम्मान खुद सम्मानित होता है।
इस वर्ष के वीरता पुरस्कार पाने वाले 25 बच्चों के नाम हैं:
- स्वर्गीय गौरव सहस्त्रबुद्धे, महाराष्ट्र
- शिवमपेट रुचिता, तेलंगाना
- अर्जुन सिंह, उत्तराखंड
- रामदीनतारा, मिजोरम
- एसएम अरोमल, केरल
- राकेश भाई पटेल, गुजरात
- नीलेश भील, महाराष्ट्र
- जोएना चक्रवर्ती, छत्तीसगढ़
- भीमसेन सोनू, यूपी
- कैलाश धनानी, गुजरात
- वैभव गंगराड़े, महाराष्ट्र
- दीशांत मेहंदीराता, हरियाणा
- चोंगथाम कुबेर, मणिपुर
- एंजेलिका ट्येंगसॉंन्ग, मेघालय
- मोहित दलवी, महाराष्ट्र
- नितिन मैथ्यू, केरल
- सर्वानंद साहा, छत्तीसगढ़
- बिधोवन, केरल
- अनंदू दिलीप, केरल
- एम येमखॉम, मणिपुर
- केवी अभिजीत, केरल
- साई कृष्ण अखिल, तेलंगाना
- मोहम्मद शमशाद, केरल
- अविनाश मिश्रा, ओडिशा
- स्वर्गीय शिवांश सिंह, यूपी