छत्तीसगढ़: ‘धर्म संसद’ में संत कालीचरण महाराज ने नाथूराम गोडसे की तारीफ करते हुए महात्मा गांधी के बारे में कहे अपशब्द, FIR दर्ज

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छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित ‘धर्म संसद’ में संत कालीचरण महाराज ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के खिलाफ विवादित बयान दिया। वहीं, महात्मा गांधी की हत्या के लिए नाथूराम गोडसे की जमकर प्रशंसा की। उनके इस विवादित बयान का वीडियो अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, जिसपर अब विवाद बढ़ता जा रहा है। महात्मा गांधी के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने के आरोप में कालीचरण के खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया है।

संत कालीचरण महाराज

संत कालीचरण महाराज ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को गाली दी है। साथ ही मंच से कई अपशब्द कहे हैं। कालीचरण ने मंच पर आने के बाद पर कहा कि इस देश पर वही राज करेगा, जो हिंदू हित की बात करेगा। विवादित संत ने कहा कि इस्लाम का मकसद राजनीति के जरिए हमारे राष्ट्र पर कब्जा करना है। अभी हाल ही में उन लोगों ने दो देशों पर कब्जा किया। इसके बाद कालीचरण ने पाकिस्तान के बंटवारे को लेकर महात्मा गांधी को अपशब्द कहे। साथ ही हत्यारे नाथूराम गोडसे की तारीफ की। इसके बाद कालीचरण और भड़काऊ बयान देते रहे।

कालीचरण के विवादित बयान का वीडियो अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल है। जिसके बाद इस पर विवाद शुरू हो गया है। लगभग सभी राजनीतिक दलों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कांग्रेस नेताओं ने पीएम मोदी से सवाल किया है कि आपने कैसा देश बना दिया कि अब लोग मंच सरेआम राष्ट्रपिता को गाली दे रहे हैं। वहीं, कुछ लोगों ने कालीचरण के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का केस दर्ज करने की मांग की है।

कालीचरण के इस बयान का विरोध कार्यक्रम में ही शुरू हो गया। महंत राम सुंदरदास ने कालीचरण के बयान पर आपत्ति जताई। साथ ही उन्होंने मंच पर जाकर कार्यक्रम से निकलने की घोषणा कर दी। इसके साथ ही उन्होंने आयोजकों पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कालीचरण से सवाल किया है कि क्या महात्मा गांधी ऐसे थे, जिनके बारे में ऐसे बेतुकी बातें की गई हैं।

समाचार एजेंसी ANI के अनुसार, ‘धर्म संसद’ में महात्मा गांधी के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने के आरोप में संत कालीचरण महाराज के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

बता दें कि, छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 25 और 26 दिसंबर को धर्म सभा का आयोजन किया गया था। इस धर्म संसद में देशभर के कई साधु संत शामिल हुए थे। जिसमें संत कालीचरण महाराज भी थे। वहीं, इससे पहले हरिद्वार में सभा में अपने धर्म के नाम पर आतंकवाद फैलाने के लिए कुख्यात कई हिंदू नेताओं ने भारतीय मुसलमानों को निशाना बनाते हुए आपत्तिजनक बयान दिए थे।

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