कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने से जुड़ी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के एक दिन बाद शनिवार को सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अब उसे ‘चीन के कब्जे’ का सत्य भी स्वीकार कर लेना चाहिए।
फाइल फोटोबता दें कि, कांग्रेस के तमाम नेता और राहुल गांधी चीन के साथ सीमा पर तनाव की स्थिति से निपटने के सरकार के तौर-तरीकों को लेकर उसकी अक्सर आलोचना करते आ रहे हैं।
बता दें कि, पीएम मोदी ने शुक्रवार को तीनों विवादित कृषि क़ानूनों को वापस लेने का एलान किया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि आगामी संसद सत्र में इन क़ानूनों को संवैधानिक तरीके से रद्द किया जाएगा। भाजपा से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस फ़ैसले के बाद विपक्ष के हमले झेल रहे हैं। किसानों से लेकर विपक्ष की ओर से एमएसपी को लेकर कानून बनाने की मांग की जा रही है।
राहुल गांधी ने सरकार पर निशाना साधते हुए शनिवार को अपने ट्वीट में लिखा, ‘‘अब चीनी क़ब्ज़े का सत्य भी मान लेना चाहिए।’’
अब चीनी क़ब्ज़े का सत्य भी मान लेना चाहिए।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 20, 2021
उधर, भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में संघर्ष के अन्य क्षेत्रों से सैनिकों को पूरी तरह से पीछे हटाने के मद्देनजर जल्द ही किसी तारीख पर अगले दौर की सैन्य स्तर की वार्ता आयोजित करने पर गुरुवार को सहमति व्यक्त की।
विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, सीमा मामलों पर विचार विमर्श एवं समन्वय संबंधी कार्यकारी तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) की डिजिटल माध्यम से आयोजित बैठक में दोनों पक्षों ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति के संबंध में ‘स्पष्ट एवं गहराई’ के साथ चर्चा की और पिछली सैन्य स्तर की वार्ता के बाद के घटनाक्रम की समीक्षा की। (इंपुट: भाषा के साथ)
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