“क्या महंगाई पर जनता की नींद खुल गई है?”: उपचुनाव के नतीजों को लेकर न्यूज़ 18 इंडिया के एंकर अमिश देवगन ने BJP प्रवक्ता से किया सवाल तो मिला ऐसा जवाब; वीडियो वायरल

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देशभर के कई राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश दादरा एवं नगर हवेली में लोकसभा की तीन और विधानसभा की 29 सीटों पर हुए उपचुनावों के नतीजे से केंद्र की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को बड़ा झटका लगा है। वहीं, उपचुनाव के नतीजों को लेकर हिंदी समाचार चैनल ‘न्यूज 18 इंडिया’ पर एक डिबेट शो का आयोजन किया गया। लाइव डिबेट में शो के एंकर अमिश देवगन ने भाजपा की करारी हार को लेकर भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी से कई तीखे सवाल पूछे। इस दौरान एंकर और भाजपा नेता के बीच बहस भी देखने को मिली, जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।

अमिश देवगन ने भाजपा नेता से पूछा, “कुछ पर जीत हुई, लेकिन अधिकतर पर हार हुई। उसके बाद से रणदीप सिंह सुजेवाला, प्रियंका चतुर्वेदी, राजीव शुक्ला, संजय राउत हों, तमाम लोग बयान दे रहे हैं और कह रहे हैं कि अब 2024 की तैयारी शुरू करिए। क्या आपको लगता है कि जिस महंगाई को आपने कम करके आंका पब्लिक ने आपको बता दिया वो महंगाई असर डाल रही है। नींद खुल गई?”

इसपर सुधांशु त्रिवेदी ने जवाब देते हुए कहा, “देखिए जो उप-चुनाव होते हैं, उसमें स्थानीय मुद्दे भी बहुत प्रभावित होते हैं। अगर आप ओवर ऑल राष्ट्रीय पिक्चर को देखने का प्रयास करें तो जो हमारे विरोधियों का कहना था, हां ये सत्य है कि इस समय पेट्रोल डीजल की कीमतें बढ़ी हुई हैं। यह भी सत्य है कुछ महीने पहले कोरोना की इतनी भारी लहर आई थी, इसके बावजूद यहां स्थिति है कि हम असम से लेकर मध्य प्रदेश तक और कर्नाटक तक राज्यों में अच्छा प्रदर्शन करते हुए जीते हैं। तो कहीं न कहीं ये दर्शाता है कि जो ये कहने का प्रयास कर रहे थे कि जो ये लार्जर पिक्चर में पूरे भारत में एक ही ट्रेंड दिखना चाहिए, वो नहीं दिखता।”

सुधांशु ने आगे कहा, “एक और बात मैं तथ्य के साथ कहना चाहता हूं। 2019 से चुनावों से पहले जितने उपचुनाव हुए। 16-17 बार हुए थे, उसमें से 12-13 भाजपा हारी। अजमेर भी हारे थे, गुजरात में भी हारे थे। याद करिए गोरखपुर में भी हारे थे।”

सुधांशु त्रिवेदी की इन बातों पर अमिश देवगन ने पूछा- ‘तो क्या आप हारने को शगुन मान रहे हैं? और महंगाई को मुद्दा नहीं मानते?’

इस पर सुधांशु त्रिवेदी कहते हैं, मैं दूसरी बात कर रहा हूं, याद करिए उस वक्त क्या चित्र दिखा था विपक्ष का। उनका हवाई जहाज टेक ऑफ किया और फिर क्या हुआ, कोई यहां गिरा कोई वहां गिरा उसके बाद कोई लैंड ही नहीं कर पाया। इसलिए मैं कहना चाहता हूं कि स्थानीय उप चुनाव के मुद्दे उस पर राष्ट्र मुद्दे का कोई प्रभाव नहीं होता, ऐसा मैं नहीं कहता। परंतु स्थानीय विषयों का प्रभाव अधिक होता है।

इस उपचुनाव में हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल और राजस्थान में जहां भाजपा का सूपड़ा साफ हो गया। हिमाचल प्रदेश में भाजपा को सबसे तगड़ा झटका लगा है, जहां कांग्रेस ने तीनों विधानसभा सीटों फतेहपुर, अर्की और जुबल-कोटखाई और मंडी लोकसभा सीट पर जीत हासिल की। कांग्रेस ने अपनी फतेहपुर और अर्की सीटें बरकरार रखी जबकि जुबल-कोटखाई सीट भाजपा से छीनने में कामयाब हुई।

गौरतलब है कि, यह उपचुनाव ऐसे समय हुए हैं जब पेट्रोल-डीजल की कीमतें नित नए रिकार्ड बना रही हैं और महंगाई आसमान छू रही है। इनके अलावा किसानों के आंदोलन, कोरोना महामारी के दुष्प्रभावों और देशभर में जारी कोविड-19 रोधी टीकाकरण सहित कई अन्य क्षेत्रीय और स्थानीय मुद्दे भी इन चुनावों में हावी रहे।

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