उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद वरुण गांधी ने लखीमपुर खीरी में किसान द्वारा धान की फसल जलाने का वीडियो शेयर कर एक बार फिर से सरकार पर निशाना साधा है। भाजपा नेता ने कहा कि, कृषि नीति पर पुनर्चिंतन आज की सबसे बड़ी ज़रूरत है। वहीं, यूपी कांग्रेस ने भी इस वीडियो को शेयर कर सरकार से पूछा है कि क्या यही अच्छे दिन हैं?
वीडियो शेयर करते हुए वरुण गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा, “उत्तर प्रदेश के किसान श्री समोध सिंह पिछले 15 दिनों से अपनी धान की फसल को बेचने के लिए मंडियों में मारे-मारे फिर रहे थे, जब धान बिका नहीं तो निराश होकर इसमें स्वयं आग लगा दी। इस व्यवस्था ने किसानों को कहाँ लाकर खड़ा कर दिया है? कृषि नीति पर पुनर्चिंतन आज की सबसे बड़ी ज़रूरत है।”
उत्तर प्रदेश के किसान श्री समोध सिंह पिछले 15 दिनों से अपनी धान की फसल को बेचने के लिए मंडियों में मारे-मारे फिर रहे थे, जब धान बिका नहीं तो निराश होकर इसमें स्वयं आग लगा दी।
इस व्यवस्था ने किसानों को कहाँ लाकर खड़ा कर दिया है? कृषि नीति पर पुनर्चिंतन आज की सबसे बड़ी ज़रूरत है। pic.twitter.com/z3EjYw9rIz
— Varun Gandhi (@varungandhi80) October 23, 2021
बता दें कि, इससे पहले भी वरुण गांधी कई बार किसानों के साथ खड़े दिखे है। उन्होंने कई बार किसानों के हक में आवाज बुलंद करते हुए गन्ना समर्थन मूल्य बढ़ाने, किसानों की बात सुनने की अपील करते रहे हैं। इस मामले को लेकर वो सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र भी लिख चुके है।
इससे पहले वरुण गांधी ने गुरुवार को अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में भारी बारिश के कारण आई जबरदस्त बाढ़ को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार पर हमला करते हुए कहा था कि अगर आम आदमी को उसके हाल पर ही छोड़ दिया जाएगा तो फिर सरकार का क्या मतलब है।
गांधी ने कुछ तस्वारें शेयर करते हुए अपने ट्वीट में लिखा था, “तराई का ज्यादातर इलाका बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है। बाढ़ से प्रभावित लोगों को सूखा राशन उपलब्ध कराया है ताकि इस विभीषिका के खत्म होने तक कोई भी परिवार भूखा ना रहे। यह दुखद है कि जब आम आदमी को प्रशासनिक तंत्र की सबसे ज्यादा जरूरत होती है तभी उसे उसके हाल पर छोड़ दिया जाता है। जब सब कुछ अपने आप ही करना है तो फिर सरकार का क्या मतलब है।”
Much of the Terai is badly flooded. Donating dry rations by hand so that no family is hungry till this calamity ends. It’s painful that when the common man needs the system the most,he’s left to fend for himself.If every response is individual-led then what does ‘governance’ mean pic.twitter.com/P2wF7Tb431
— Varun Gandhi (@varungandhi80) October 21, 2021
दरअसल, लखीमपुर खीरी के मोहम्मदी मंडी में पांच दिन से फसल बेचने की कोशिश कर रहे किसान के धान की खरीदारी नहीं हुई तो परेशान होकर मंडी में ही अपनी फसल को आग के हवाले कर दिया। किसान का आरोप है कि पांच दिन से वो लगातार केंद्र प्रभारियों की खुशामद कर रहा है ताकि उसका धान बिक जाए लेकिन लाख मान-मुनव्वल के बावजूद उसकी फसल जस की तस पड़ी है। आखिरकार किसान के सब्र का बांध टूट गया और उसने अधिकारियों के सामने ही अपनी फसल पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दिया।
इस घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। यूपी कांग्रेस ने भी इस वीडियो को ट्वीट कर सरकार से पूछा है कि क्या यही अच्छे दिन हैं? यूपी कांग्रेस ने अपने ट्वीट में लिखा, “क्या यही हैं अच्छे दिन? लखीमपुर के मोहम्मदी खीरी मंडी में किसान के धान की खरीदारी नहीं हुई और किसान ने धान में आग लगा दी। सरकार किसानों की आय दुगुना करने आई थी, परिणाम यह है कि किसानों की आय को ही खत्म कर दिया।”
क्या यही हैं अच्छे दिन?
लखीमपुर के मोहम्मदी खीरी मंडी में किसान के धान की खरीदारी नहीं हुई और किसान ने धान में आग लगा दी।
सरकार किसानों की आय दुगुना करने आई थी, परिणाम यह है कि किसानों की आय को ही खत्म कर दिया। pic.twitter.com/7YUAJYXzDw
— UP Congress (@INCUttarPradesh) October 22, 2021