पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भाजपा के साथ चुनावी गठबंधन की योजना की घोषणा करके अपने आलोचकों को सही साबित किया है। सिंह पर लंबे समय से भाजपा के साथ मौन सहमति का आरोप लगाया जाता रहा है। यह आरोप उनपर तभी से लग रहे है जब वह एक कांग्रेस नेता के रूप में पंजाब के मुख्यमंत्री थे।
फाइल फोटोपंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को कहा कि वह जल्द ही अपने राजनीतिक दल के गठन की घोषणा करने जा रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने भाजपा के साथ गठबंधन की भी बात कही है मगर इसमें उनकी एक शर्त है। उन्होंने कहा कि, अगर किसान आंदोलन का समाधान किसानों के पक्ष में होता है तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ सीटों को लेकर समझौता होने की उम्मीद जताई।
सिंह ने मंगलवार को कहा, ‘‘पंजाब के भविष्य को लेकर लड़ाई जारी है। मैं जल्द ही अपनी राजनीतिक पार्टी के गठन की घोषणा करूंगा, ताकि पंजाब और उसके लोगों, साथ ही पिछले एक साल से अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे किसानों के हितों के लिए काम किया जा सके।’’ उन्होंने यह भी कहा कि ‘‘मैं अपने लोगों और अपने राज्य’’ का भविष्य सुरक्षित बनाने तक चैन की सांस नहीं लूंगा।
अमरिंदर के मीडिया सलाहकार के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘‘पंजाब को राजनीतिक स्थिरता और आंतरिक तथा बाहरी खतरों से सुरक्षा की जरुरत है। मैं अपने लोगों से वादा करता हूं कि शांति और सुरक्षा के लिए जो भी करना होगा मैं करूंगा, क्योंकि फिलहाल दोनों खतरे में हैं।’’
सिंह ने कहा, ‘‘अगर किसान आंदोलन का समाधान किसानों के हित में होता है तो 2022 के पंजाब विधानसभा में भाजपा के साथ सीटों के बंटवारे को लेकर आशान्वित हूं। इसके अलावा समान विचार रखने वाली पार्टियों के साथ समझौते के बारे में भी विचार कर रहे हैं… जैसे अकाली दल से टूट कर अलग हुए समूह, खासतौर से ढिंढसा और ब्रह्मपुरा समूह।’’
भाजपा के साथ चुनावी समझौता करने की उनकी घोषणा पर उनके पूर्व सहयोगी ने तुरंत प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिन्होंने कहा कि इससे उनका संदेह साबित होता है कि सिंह हमेशा ‘भाजपा के साथ’ रहे हैं। पंजाब के कैबिनेट मंत्री परगट सिंह के हवाले से एनडीटीवी ने अपनी रिपोर्ट में कहा, मैंने हमेशा कहा था कि कैप्टन भाजपा और अकाली दल के साथ मिले हुए है। उन्हें अपना एजेंडा भाजपा से मिलता था।
बता दें कि, कांग्रेस की पंजाब इकाई के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के साथ लंबे मतभेद और प्रदेश कांग्रेस में अंदरुनी लड़ाई के बाद अमरिंदर ने पंजाब के मुख्यमंत्री पद से पिछले महीने इस्तीफा दे दिया था। पार्टी ने उनके स्थान पर चरणजीत सिंह चन्नी को नया मुख्यमंत्री बनाया है।


















