हमेशा अपने बयानों को लेकर मीडिया की सुर्खियों में रहने वाले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी अक्सर सरकार की आर्थिक नीतियों पर सवाल उठाते रहे है। इस बीच, सुब्रमण्यम स्वामी ने इस बार अपने सोशल मीडिया बायो को बदल कर भाजपा के प्रति अपनी नाराजगी का इजहार किया है।
दरअसल, सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने ट्विटर और फेसबुक बायो को बदल कर इसमें से भाजपा का शब्द हटा दिया है। सबसे दिलचस्प लाइन वह है जो स्वामी ने अपने बायो में लिखी है- मैंने तुम्हें बिल्कुल वैसा ही दिया, जैसा मुझे प्राप्त हुआ। इस लाइन को स्वामी की भाजपा से नाराजगी के तौर पर देखा जा रहा है।
दरअसल, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने गुरुवार को पार्टी की जिस राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन किया उसमें सुब्रमण्यम स्वामी का नाम शामिल नहीं था। राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर किए जाने पर सुब्रमण्यम स्वामी ने खुल कर तो कोई प्रतिक्रिया नहीं दी लेकिन ट्विटर और फेसबुक के बायो से भाजपा का नाम हटाकर उन्होने नाराजगी जरूर जता दी है।
सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्विटर पर अपने नये बायो में खुद को राज्यसभा सांसद, पूर्व कैबिनेट मंत्री, हार्वर्ड से अर्थशास्त्र में पीएचडी और प्रोफेसर लिखा है। उन्होने अपने बायो से भाजपा शब्द हटा दिया है। इसके साथ ही अपने सोशल मीडिया हैंडल्स के बायो में स्वामी ने यह भी लिखा कि मैंने तुम्हें बिल्कुल वैसा ही दिया, जैसा मुझे प्राप्त हुआ।
भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से हटाये जाने को लेकर संपर्क करने पर सुब्रमण्यम स्वामी ने खुल कर तो कोई प्रतिक्रिया नहीं दी लेकिन वो इसे लेकर भाजपा की आलोचना करने वाले ट्विट को रिट्वीट कर साफ जाहिर कर रहे हैं कि पार्टी अध्यक्ष के इस फैसले से वो नाराज हैं।
सुब्रमण्यम स्वामी सरकार की आर्थिक नीतियों को लेकर लगातार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर आवाज उठाते रहते हैं और उनके मिजाज को देखते हुए यह तय माना जा रहा है कि वो इसे खामोशी से बर्दाश्त नहीं करेंगे। ऐसे में यह तय माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में वो भाजपा और सरकार को लेकर और भी ज्यादा तल्ख रूख अपना सकते हैं।
भाजपा द्वारा गुरुवार को घोषित की गई राष्ट्रीय कार्यकारिणी से सुब्रमण्यम स्वामी के अलावा वरुण गांधी और मेनका गांधी सहित कई दिग्गज नेताओं को बाहर कर दिया गया है।
बता दें कि, भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी आर्थिक नीतियों को लेकर लगातार मोदी सरकार के आलोचक रहे हैं। वो अपनी पार्टी की सरकार होते हुए भी लगातार इस पर बोलते और लिखते रहे हैं। उन्होंने अलग-अलग मंचों से लगातार ये कहा है कि देश में जो आर्थिक नीतियां मौजूदा सरकार लेकर चल रही है, उससे स्थिति बेहतरी की बजाय और ज्यादा खराब होने की ओर जा सकती है। (इंपुट: IANS के साथ)