उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जिले गोरखपुर में सोमवार को शहर के एक होटल में देर रात पुलिस की छापेमारी के दौरान एक व्यापारी की मौत हो गई। गोरखपुर पुलिस पर आरोप है कि उसने एक होटल में रुके तीन युवकों से वसूली के लिए उनके कमरे में छापा मारा और मारपीट की, जिससे एक युवक की मौत हो गई। जिसके बाद इस मामले में छह पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।
पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि व्यवसायी के साथ मारपीट की गई, जबकि पुलिस का कहना है कि व्यक्ति की मौत एक ‘दुर्घटना’ थी। पुलिस के मुताबिक, वह होटल के कमरे में गिर गया था। मृतक की पहचान उत्तर प्रदेश के कानपुर निवासी मनीष कुमार गुप्ता के रूप में हुई है। सोमवार आधी रात को हुई छापेमारी के समय वह और दो अन्य लोग अलग-अलग शहरों के होटल के कमरे में थे। पीड़िता के साथ मौजूद लोगों ने मीडिया को बताया कि वे कारोबारी सहयोगी थे और एक कॉमन फ्रेंड से मिलने गोरखपुर आए थे।
इस बीच, गोरखपुर पुलिस ने बुधवार सुबह अपने एक ट्वीट में कहा, “प्रकरण में 06 पुलिस कर्मियो को निलम्बित किया गया है। पीड़िता की तहरीर पर निष्पक्ष जांच के लिए FIR करवायी गई है। माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा मृतक के परिवार को 10 लाख रुपये की अनुकम्पा धनराशि दी गयी है।”
प्रकरण में 06 पुलिस कर्मियो को निलम्बित किया गया है। पीड़िता की तहरीर पर निष्पक्ष जांच के लिए FIR करवायी गयी है। माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा मृतक के परिवार को 10 लाख रुपये की अनुकम्पा धनराशि दी गयी है ।
— GORAKHPUR POLICE (@gorakhpurpolice) September 29, 2021
मरने वाले युवक की पत्नी ने पुलिस वालों पर हत्या का मुकदमा करने की मांग कर रही है। गोरखपुर घूमने आए तीन युवक मनीष, प्रदीप और अरविंद यहां रामगढ़ ताल इलाके के कृष्णा पैलेस होटल में सोमवार सुबह आठ बजे आए थे। सोमवार रात करीब साढ़े 12 बजे कई पुलिस वाले उनके कमरे में पहुंचे और उनकी आईडी चेक करने के बाद उनके सामान की तलाशी लेने लगे।
युवकों का कहना है कि उन्होंने कहा कि इतनी रात में उनको सोते से जगा कर क्यों उनकी तलाशी ले रहे हैं? उन्होंने क्या किया है? इस पर पुलिस वालों ने एक युवक अरविंद को पीटा और पीटते हुए कमरे के बाहर खींच ले गए।
अरविंद का कहना है कि वह जब बाहर खड़ा था तभी उन्होंने कमरे के अंदर से मनीष की पिटाई की भी आवाज सुनी और देखा कि पुलिस उसे बाहर ला रही है। मनीष के चेहरे पर काफी खून लगा था। पुलिस उसे अपनी गाड़ी में डाल कर अस्पताल ले गई, जहां डॉक्टरों ने बताया कि वह मर चुका है। कमरे में मौजूद दूसरे युवक मनीष गुप्ता ने संभव है कि इसका विरोध किया होगा, जिससे पुलिस ने उसे पीटा।
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता अखिलेश यादव ने इस घटना की निंदा करते हुए मंगलवार को अपने ट्वीट में लिखा, “गोरखपुर में पुलिस की बर्बरता ने एक युवा व्यापारी की जान ले ली। ये बहुत ही दुखद और निंदनीय है। उप्र की भाजपा सरकार ने एनकाउंटर की जिस हिंसक संस्कृति को जन्म दिया है, ये उसी का दुष्परिणाम है। संलिप्त लोगों पर हत्या का मुक़दमा चले और उप्र को हिंसा में धकेलनेवाले इस्तीफ़ा दें।”
गोरखपुर में पुलिस की बर्बरता ने एक युवा व्यापारी की जान ले ली। ये बहुत ही दुखद और निंदनीय है।
उप्र की भाजपा सरकार ने एनकाउंटर की जिस हिंसक संस्कृति को जन्म दिया है, ये उसी का दुष्परिणाम है।
संलिप्त लोगों पर हत्या का मुक़दमा चले और उप्र को हिंसा में धकेलनेवाले इस्तीफ़ा दें। pic.twitter.com/luhjqRTIar
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 28, 2021