कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने इजराइली कंपनी एनएसओ के साथ कोई लेनदेन नहीं करने संबंधी रक्षा मंत्रालय के बयान को लेकर मंगलवार को कहा कि इस मामले पर सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जवाब दे सकते हैं, लेकिन वह चुप क्यों हैं।
FILE PHOTOपूर्व गृह मंत्री ने मंगलवार (10 अगस्त) को ट्वीट किया, ‘‘रक्षा मंत्रालय ने एनएसओ समूह (इज़राइल) के साथ किसी भी सौदे से इंकार किया है। अगर, रक्षा मंत्रालय सही है, तो एक मंत्रालय/विभाग को इस मामले से अलग कर देते हैं। लेकिन शेष आधा दर्जन संदिग्धों के बारे में क्या कहेंगे?’’ पी चिदंबरम ने सवाल किया, ‘‘सभी मंत्रालयों/विभागों की ओर से केवल प्रधानमंत्री ही जवाब दे सकते हैं। वह चुप क्यों है?’’
रक्षा मंत्रालय ने NSO समूह, इज़राइल के साथ किसी भी सौदे से खुद को 'दोषमुक्त' किया है
अगर, रक्षा मंत्रालय सही है, तो एक मंत्रालय/विभाग को हटा देता है
शेष आधा दर्जन सामान्य संदिग्धों के बारे में क्या?
सभी मंत्रालयों/विभागों की ओर से केवल पीएम ही जवाब दे सकते हैं
वह चुप क्यों है?— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) August 10, 2021
गौरतलब है कि, पेगासस जासूसी विवाद के बीच, रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि उसने एनएसओ समूह के साथ कोई लेन-देन नहीं किया है। इजराइल के एनएसओ समूह ने सैन्य स्तरीय जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस विकसित किया है जो हाल के दिनों में विवादों में है।
रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के सदस्य वी शिवदासन के एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उनसे सवाल किया गया था कि क्या सरकार ने एनएसओ ग्रुप टेक्नोलॉजीज़ के साथ कोई लेन-देन किया था? भट्ट ने इसके जवाब में कहा, ‘‘रक्षा मंत्रालय ने एनएसओ ग्रुप टेक्नोलॉजीज़ के साथ कोई लेन-देन नहीं किया है।’’
उल्लेखनीय है कि, इजराइल की निगरानी सॉफ्टवेयर कंपनी एनएसओ समूह पर भारत सहित कई देशों में लोगों के फोन पर नजर रखने के लिए पेगासस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करने के आरोप लग रहे हैं। आरोप है कि, 300 से ज्यादा लोगों के फोन पर नजर रखी जा रही थी।