टोक्यो ओलंपिक खेलों के 10वें दिन सोमवार (1 अगस्त) को भारतीय महिला हॉकी टीम ने इतिहास रच दिया। गुरजीत कौर के गोल और गोलकीपर सविता की अगुवाई में रक्षापंक्ति के बेहतरीन प्रदर्शन से महिला हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक खेलों के क्वार्टर फाइनल में आस्ट्रेलिया को 1-0 से हराकर पहली बार ओलंपिक के सेमीफाइनल में जगह बनाकर नया इतिहास रच दिया। अब हॉकी में भी एक और पदक की उम्मीदें बढ़ गई है।

भारतीय पुरुष हॉकी टीम के 49 वर्ष बाद सेमीफाइनल में जगह बनाने के बाद विश्व में नौवें नंबर की महिला टीम ने यह इतिहास रचा। सेमीफाइनल में उसका सामना बुधवार को अर्जेंटीना से होगा जिसने एक अन्य क्वार्टर फाइनल में जर्मनी को 3-0 से हराया। भारतीय टीम का ओलंपिक में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन इससे पहले मास्को ओलंपिक 1980 में था जबकि टीम चौथे स्थान पर रही थी लेकिन तब केवल छह टीमों ने हिस्सा लिया था और मैच राउंड रोबिन आधार पर खेले गए थे।
गुरजीत ने 22वें मिनट में पेनल्टी कार्नर पर महत्वपूर्ण गोल किया। इसके बाद भारतीय टीम ने अपनी पूरी ताकत गोल बचाने में लगा दी जिसमें वह सफल भी रही। गोलकीपर सविता ने बेहतरीन खेल दिखाया और बाकी रक्षकों ने उनका अच्छा साथ दिया। आखिरी दो क्वार्टर में आस्ट्रेलिया ने लगातार हमले किये लेकिन भारतीयों ने उन्हें अच्छी तरह से नाकाम किया।
रानी रामपाल की अगुवाई वाली टीम की यह जीत इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि क्योंकि पूल चरण में उसे शुरू में संघर्ष करना पड़ा। भारतीय टीम अपने पूल में दक्षिण अफ्रीका और आयरलैंड को हराकर चौथे स्थान पर रही थी जबकि आस्ट्रेलिया अपने पूल में शीर्ष पर रहा था। विश्व में दूसरे नंबर के आस्ट्रेलिया ने शुरुआती मिनटों में भारतीय रक्षकों को व्यस्त रखा। भाग्य भारत के साथ था जो दूसरे मिनट में स्टीफेनी केरशॉ के क्रास पर एंब्रोसिया मालोनी का शॉट पोस्ट से टकराने के कारण आस्ट्रेलिया बढ़त हासिल नहीं कर पाया। (इंपुट: भाषा के साथ)