मोहन भागवत के बयान पर दिग्विजय सिंह ने पूछा- “अगर हिंदू-मुस्लिम का DNA एक है तो धर्म परिवर्तन कानून की क्या आवश्यकता”; BJP नेता ने किया पलटवार

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मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के ‘सभी भारतीयों का डीएनए एक होने’ के बयान को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जब हिंदू और मुसलमान का डीएनए एक है तो धर्म परिवर्तन व लव जिहाद कानून की क्या आवश्यकता है।

मोहन भागवत

राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए संघ प्रमुख के बयान पर तंज कसा है और कहा है कि, “जब हिंदू मुसलमान का डीएनए एक है तो मोहन भागवत और ओवेसी का डीएनए भी एक ही है, ऐसे में लव जिहाद कानून की क्या आवश्यकता है और धर्मांतरण कानून की क्या आवश्यकता है?”

पूर्व मुख्यमंत्री सिंह के बयान पर पलटवार करते हुए राज्य के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि”दिग्विजय सिंह देश तोड़ने वालों से तुलना करेंगे। देशभक्ति, राष्ट्रभक्ति जिसके DNA में है वे हमेशा मोहन भागवत जैसी बात करेंगे। ओवैसी जैसी सोच जिनकी है वे ऐसी ही बात करेंगे। इनकी तुलना हमेशा ऐसी होती है जो समाज में भ्रम पैदा करे और टूटन पैदा करे।”

उन्होने आगे कहा, ‘कांग्रेस आजकल सोशल मीडिया पर जिस इंजन का जुमला उछाल रही है। दरअसल इसी इंजन की वजह से ही कांग्रेस पटरी पर नहीं आ पा रही है।’

दरअसल, मोहन भागवत ने रविवार को गाजियाबाद में राष्ट्रीय मुस्लिम मंच द्वारा ‘हिन्दुस्तानी प्रथम, हिन्दुस्तान प्रथम’ विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा था कि, सभी भारतीयों का डीएनए एक है और मुसलमानों को ‘डर के इस चक्र में’ नहीं फंसना चाहिए कि भारत में इस्लाम खतरे में है।

आरएसएस प्रमुख ने लिंचिंग (पीटकर मार डालने) की घटनाओं में शामिल लोगों पर हमला बोलते हुए कहा था कि, ‘वे हिन्दुत्व के खिलाफ हैं।’ हालांकि, उन्होंने कहा कि लोगों के खिलाफ लिंचिंग के कुछ झूठे मामले दर्ज किए गए हैं। (इंपुट: IANS के साथ)

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