CBSE 12th Result 2021: सुप्रीम कोर्ट का कक्षा 12वीं के छात्रों के मूल्यांकन के लिए सीबीएसई और सीआईएससीई की व्यवस्था में हस्तक्षेप से इंकार, अभिभावकों की याचिकाएं की खारिज; अधिक जानकारी के लिए cbse.gov.in को करें फॉलो

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CBSE 12th Result 2021: सुप्रीम कोर्ट ने 12वीं कक्षा के छात्रों के मूल्यांकन के लिए सीबीएसई और सीआईएससीई द्वारा अपनाई गई आकलन योजना में हस्तक्षेप करने से मंगलवार को इनकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने अभिभावकों के एक संघ की आपत्ति वाली याचिकाओं को खारिज कर दी और कहा कि आकलन योजना के विभिन्न पहलुओं के बारे में कोई दूसरा उपाय संभव नहीं है। घातक कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी के कारण दोनों बोर्डों की 12 वीं कक्षा की परीक्षा रद्द कर दी गई है। सीबीएसई के छात्र अधिक जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट cbse.gov.in को फॉलो कर सकते है।

न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की विशेष पीठ ने कहा, ‘‘हम दोनों बोर्डों (सीबीएसई और सीआईएससीई) द्वारा लाई गई योजना स्वीकार करते हैं। उन्होंने कहा कि, कहा, हमारा मानना है कि सीबीएसई और आईसीएसई द्वारा प्रस्तावित योजना में हस्तक्षेप करने की कोई आवश्यकता नहीं है। इसने सभी छात्रों की चिंताओं को ध्यान में रखा है।

पीठ ने, व्यक्तिगत तौर पर अदालत की मदद कर रहे और केंद्र की ओर से पेश हुए अटार्नी जनरल (महान्यायवादी) के.के. वेणुगोपाल की इस दलील का भी उल्लेख किया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को यह निर्देश जारी करेगा कि सभी बोर्डों-केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई), काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकट एग्जामिनेशंस (सीआईएससीई) और राज्य बोर्डों-द्वारा नतीजों की घोषणा के बाद दाखिले लिए जाए।

न्यायालय ने सभी हस्तक्षेपकर्ताओं- उत्तर प्रदेश पैरेंट्स एसोसिएशन और सेकेंड कंपार्टमेंट एवं प्राइवेट छात्रों-की मुख्य आपत्तियों का निस्तारण करते हुए कहा कि जो योजना लाई गई है उस पर महज इस आशंका के साथ संदेह नहीं किया जा सकता कि सीबीएसई स्कूलों द्वारा अपने छात्रों के पक्ष में अंकों में हेरफेर की जाएगी।

पीठ ने वेणुगोपाल की दलीलें सुनने के बाद कहा कि यदि छात्रों को आंतरिक आकलन का विकल्प दिया गया है, तो योजना के मुताबिक उनके नतीजे 31 जुलाई तक घोषित होंगे और कम अंक आने पर इसके बाद वे इसमें सुधार का विकल्प चुन सकते हैं। पीठ ने कहा कि बोर्डों ने 12 कक्षा की परीक्षाएं रद्द करने का समझदारी भरा फैसला व्यापक जनहित में लिया गया है।

अदालत ने कहा, “हम बोर्ड द्वारा तैयार की गई योजना को बनाए रखेंगे, जो स्वतंत्र बोर्ड हैं और उनके द्वारा आयोजित परीक्षाओं के संबंध में उन्हें निर्णय लेने के हकदार हैं।” शीर्ष अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता के वकील की इस दलील को स्वीकार करना संभव नहीं है कि चूंकि अन्य संस्थान परीक्षा आयोजित करने में सक्षम हैं, इसलिए सीबीएसई और आईसीएसई भी परीक्षा आयोजित कर सकते हैं।

गौरतलब है कि, कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी के कारण सीबीएसई ने 10वीं और 12वीं कक्षा की परीक्षा को रद्द कर दिया था। बोर्ड ने परीक्षा परिणाम के संबंध में इन दोनों कक्षाओं के लिए वैकल्पिक मूल्यांकन नीति की घोषणा की है। स्कूलों से 10वीं कक्षा के अंक 30 जून तक जमा करने को कहा गया है जबकि 12वीं कक्षा के लिये स्कूलों को 15 जुलाई की समयसीमा दी गई है।

सीबीएसई दसवीं कक्षा, 11वीं कक्षा और 12वीं कक्षा के परिणामों के आधार पर 12वीं कक्षा के छात्रों के अंक मूल्यांकन में क्रमश: 30:30:40 का फार्मूले पर कर रहा है। 31 जुलाई या उससे पहले नतीजे घोषित करेंगे। (इंपुट: भाषा और IANS के साथ)

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