टेलिविजन रेटिंग प्वॉइंट (टीआरपी) के कथित घोटाला मामले में रिपब्लिक टीवी के संस्थापक अर्नब गोस्वामी की मुश्किलें बढ़ सकती है। क्योंकि, मुंबई पुलिस ने इस मामले में अर्नब गोस्वामी को आरोपी बनाया है। बता दें कि, इस केस में नौ महीने पहले FIR दर्ज की गई थी और मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने रिपब्लिक टीवी का नाम लेते हुए कहा था कि चैनल इस घोटाले में शामिल है।

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने एस्प्लेनेड मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट में जमा किए गए अपनी 1800 पेज के सप्लीमेंट्री चार्जशीट में अर्नब गोस्वामी और एआरजी आउटलियर मीडिया (जो रिपब्लिक टीवी का मालिक है) से चार अन्य को आरोपी बनाया है। अन्य आरोपियों में सीओओ प्रिया मुखर्जी, शिवेंदु मुलेकर और शिव सुंदरम शामिल हैं, जिन्हें पहले वांछित आरोपी के रूप में दिखाया गया था।
पुलिस अब तक इस मामले में ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बीएआरसी) के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता और रिपब्लिक टीवी के सीईओ विकास खानचंदानी समेत 15 लोगों को आरोपित कर चुकी है। इस मामले में धोखाधड़ी, जालसाजी, आपराधिक साजिश आदि से संबंधित आरोप लगाए गए।
24 मार्च, 2021 को बॉम्बे हाई कोर्ट ने गोस्वामी को उनकी याचिका पर सुनवाई के बाद गिरफ्तारी से सीमित सुरक्षा प्रदान किया था। इस याचिका में पुलिस के खिलाफ ‘गंभीर दुर्भावना’ का आरोप लगाया गया था, खासकर तत्कालीन सीपी परम बीर सिंह के खिलाफ।
गोस्वामी और रिपब्लिक टीवी के मालिक – एआरजी आउटलियर मीडिया की याचिका में 6 अक्टूबर, 2020 को दर्ज प्राथमिकी और मामले में दायर दो आरोपपत्रों को रद्द करने की मांग की गई थी। इन्होंने दावा किया था कि प्राथमिकी या चार्जशीट में आरोपी के रूप में नाम न होने के बावजूद, चैनल और उसके ‘chalak-malak’ को संदिग्ध श्रेणी में रखा गया ताकि उन्हें टेंटरहुक पर रखा जा सके और परेशान किया जा सके।
पुलिस ने दावा किया था कि चैनल हंसा रिसर्च ग्रुप के कर्मचारियों जैसे बिचैलियों को पैसे दे रहे थे- जो टीआरपी को बढ़ावा देने के लिए ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बीएआरसी) की ओर से टीआरपी को मापते हैं।
बता दें कि, बार्क की शिकायत के बाद कथित फर्जी टीआरपी घोटाला सामने आया था। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि कुछ चैनल टीआरपी बढ़वाने के लिए रिश्वत दे रहे हैं, ताकि उनकी विज्ञापन से होने वाली कमाई बढ़ सके। आरोप में कहा गया था कि जिन घरों में टीआरपी मीटर लगे हुए थे, उन्हें कोई एक चैनल खोले रखने के लिए रिश्वत दी जा रही थी।