मिल्खा सिंह के निधन पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, शाहरुख खान सहित कई हस्तियों ने जताया दुख

0

भारत के महान फर्राटा धावक मिल्खा सिंह का एक महीने तक कोरोना संक्रमण से जूझने के बाद शुक्रवार को निधन हो गया। इससे पहले उनकी पत्नी और भारतीय वॉलीबॉल टीम की पूर्व कप्तान निर्मल कौर ने भी कोरोना संक्रमण के कारण दम तोड़ दिया था। सिंह के निधन पर राष्ट्रपति कोविंद, प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमित शाह जैसे तमाम राजनेताओं के अलावा फिल्म जगत के मशहूर हस्तिया शाहरुख खान समेत क्रिकेट जगत की मशहूर हस्तियों ने भी दुख जताया है।

मिल्खा सिंह
फाइल फोटो

समाचार एजेंसी पीटीआई (भाषा) की रिपोर्ट के मुताबिक, उनके परिवार के एक प्रवक्ता ने बताया, ‘‘उन्होंने रात 11.30 पर आखिरी सांस ली।’’ पद्मश्री मिल्खा सिंह 91 वर्ष के थे, उनके परिवार में उनके बेटे गोल्फर जीव मिल्खा सिंह और तीन बेटियां हैं। उनकी पत्नी 85 वर्षीय निर्मल का रविवार को एक निजी अस्पताल में निधन हुआ था।

उनकी हालत बीते कई दिनों से खराब थी और बुखार के साथ आक्सीजन भी कम हो गया था। वह चंडीगढ़ के पीजीआईएमईआर के आईसीयू में भर्ती थे। उन्हें पिछले महीने कोरोना हुआ था और बुधवार को उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। उन्हें जनरल आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया था। गुरूवार की शाम से पहले उनकी हालत स्थिर हो गई थी।

‘फ्लाइंग सिख’ के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, गृहमंत्री अमित, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनकड़, बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान, पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण समेत कई हस्तियों ने उन्हें नम आंखों से श्रद्धांजलि दी।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मिल्खा सिंह के निधन पर कहा है- ‘स्पोर्टिंग आइकन मिल्खा सिंह के निधन से मेरा दिल दुख से भर गया है, उनके संघर्षों की कहानी और उनके चरित्र की ताकत भारतीयों की पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी, उनके परिवार के सदस्यों और अनगिनत प्रशंसकों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है।’

पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ‘मिल्खा सिंह जी के निधन से हमने एक महान खिलाड़ी को खो दिया, जिनका असंख्य भारतीयों के ह्रदय में विशेष स्थान था। अपने प्रेरक व्यक्तित्व से वे लाखों के चहेते थे, मैं उनके निधन से आहत हूं।’ उन्होंने आगे लिखा, ‘मैंने कुछ दिन पहले ही श्री मिल्खा सिंह जी से बात की थी, मुझे नहीं पता था कि यह हमारी आखिरी बात होगी। उनके जीवन से कई उदीयमान खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलेगी, उनके परिवार और दुनियाभर में उनके प्रशंसकों को मेरी संवेदनाएं।’

गृहमंत्री अमित शाह ने उनके निधन पर दुःख व्यक्त करते हुए कहा, ‘फ्लाइंग सिख, महान धावक मिल्खा सिंह जी के दुखद देहांत पर देश शोक मना रहा है। वे विश्व एथलेटिक्स पर एक अमिट छाप छोड़ गए हैं। देश उन्हें भारतीय खेलों के सबसे चमकीले तारों में से एक के रूप में हमेशा याद रखेगा। उनके परिवार और असंख्य समर्थकों के साथ मेरी गहरी संवेदनाएं हैं।’

नितिन गडकरी ने ट्वीट किया, “करोड़ों युवाओं के प्रेरणास्त्रोत, पद्म श्री मिल्खा सिंह जी के निधन से अत्यंत दुखी हूं। उनको मेरी भावभीनी श्रद्धांजलि। फ़्लायिंग सिख की कहानी हमेशा ही खिलाड़ियों को प्रेरित करती रहेगी। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे और परिजनों को संबल दे। ॐ शांति।”

खेलमंत्री किरन रिजिजू ने भी शोक व्यक्त करते हुए कहा कि भारत ने अपना सितारा खो दिया है। मिल्खा सिंह जी हमें छोड़ गए हैं लेकिन वे हर भारतीय को भारत के लिए चमकने के लिए प्रेरित करते रहेंगे। परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदना। मैं उनकी आत्मा की शांति के लिए हाथ जोड़कर प्रार्थना करता हूं।

वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी उनके निधन पर गहरा दुख  जताया। सीएम अमरिंदर ने ट्वीट किया- मिल्खा सिंह जी के निधन की खबर के बेहद दुखी हूं। उनके जाने से एक युग का अंत हो गया है और भारत और पंजाब और आज निर्धन हो गए।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इसे देश के लिए अपूर्णनीय क्षति कहते हुए लिखा, “सुविख्यात धावक, ‘पद्मश्री’ से सम्मानित ‘फ्लाइंग सिख’ श्री मिल्खा सिंह जी का निधन खेल जगत की अपूरणीय क्षति है। उनका जीवन राष्ट्र के लिए अप्रतिम प्रेरणा है। प्रभु श्री राम दिवंगत पुण्यात्मा को अपने परम धाम में स्थान व शोकाकुल परिजनों को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें। ॐ शांति!”

शाहरुख खान ने अपने ट्वीट में लिखा, “फ्लाइंग सिख अब व्यक्तिगत रूप से हमारे बीच नहीं रहेंगे लेकिन उनकी उपस्थिति हमेशा महसूस की जाएगी और उनकी विरासत बेजोड़ रहेगी। मेरे लिए एक प्रेरणा, लाखों लोगों के लिए एक प्रेरणा। रेस्ट इन पीस मिल्खा सिंह सर।”

चार बार के एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता मिल्खा ने 1958 राष्ट्रमंडल खेलों में भी पीला तमगा हासिल किया था। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन हालांकि 1960 के रोम ओलंपिक में था जिसमें वह 400 मीटर फाइनल में चौथे स्थान पर रहे थे। उन्होंने 1956 और 1964 ओलंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया। उन्हें 1959 में पद्मश्री से नवाजा गया था।

Previous articleLegendary Indian athlete Milkha Singh passes away aged 91, five days after wife’s death
Next articleकोरोना महामारी के कारण राहुल गांधी नहीं मनाएंगे जन्मदिन, जरूरतमंदों की मदद करेंगे कांग्रेस कार्यकर्ता