बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) ने शनिवार को कहा कि केंद्रीय मंत्रिपरिषद में राजग के भागीदारों को ‘‘सम्मानित’’ हिस्सा मिलना चाहिए। केंद्र में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा के बीच पार्टी अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने इस संबंध में बयान दिया। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में जद(यू) दूसरा सबसे बड़ा घटक है। इस साल की शुरुआत में अपने कार्यकाल की समाप्ति से कुछ पहले मुख्यमंत्री द्वारा पार्टी के शीर्ष पद को छोड़ने के बाद सिंह जद (यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे।
फाइल फोटोसमाचार एजेंसी पीटीआई (भाषा) की रिपोर्ट के मुताबिक, एक सवाल के जवाब में सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम राजग का हिस्सा हैं… (केंद्र में नरेंद्र मोदी नेतृत्व वाली सरकार में) सभी घटक सम्मानित हिस्से के हकदार हैं।’’ लोकसभा में 16 सांसदों वाला जद(यू) क्या केंद्रीय मंत्रिमंडल के संभावित विस्तार में अपने लिए सम्मानित हिस्से की मांग करेगा, यह पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘मांग करने का सवाल कहां से आ गया? यह समझने की बात है। यह स्वाभाविक रूप से होना चाहिए।’’
जद(यू) प्रमुख का बयान केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल की अटकलों के बीच आया है। राजग से शिवसेना के बाहर होने के बाद संसद में जद(यू) भाजपा का सबसे बड़ा सहयोगी है। जद (यू) के राज्यसभा में पांच सदस्य हैं। केंद्र में अपनी बदौलत बहुमत हासिल करने के कारण मंत्रिमंडल में भाजपा द्वारा सहयोगी दलों के केवल एक सदस्य को मौका दिए जाने से उस समय कुमार नाखुश थे।
विशेष रूप से साल 2019 में प्रचंड बहुमत के साथ एनडीए के सत्ता में लौटने के बाद अटकलें तेज थीं कि पार्टी नई सरकार में शामिल होगी। हालांकि, नीतीश कुमार ने अपने पैर पीछे खींच लिए। वे भाजपा के इस दावे से नाखुश थे कि चूंकि उसने अपने दम पर बहुमत हासिल किया था, इसलिए गठबंधन के सहयोगियों को एक-एक सदस्य के “टोकन” प्रतिनिधित्व से संतुष्ट होना होगा।