आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर ‘घर-घर राशन’ योजना को रोकने का रविवार को आरोप लगाया। सीएम केजरीवाल ने इस मसले को लेकर सीधे पीएम मोदी से बात करने की इच्छा जाहिर की है।
केजरीवाल ने एक डिजिटल पत्रकार वार्ता में आरोप लगाया कि इस योजना को लागू करने की सारी तैयारियां पूरी हो गई थीं और अगले हफ्ते से इसे लागू किया जाना था लेकिन दो दिन पहले केंद्र सरकार ने योजना पर रोक लगा दी। उन्होंने कहा, ”प्रधानमंत्री जी आज मैं बेहद व्यथित हूं और सीधे आपसे बात करना चाहता हूं, अगर मुझसे कोई भूल हो जाए तो मुझे माफ कर दीजिएगा।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि देश 75 साल से राशन माफिया के चंगुल में है और गरीबों के लिए कागज़ों पर राशन जारी होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने इस आधार पर इस योजना को रोका है कि दिल्ली सरकार ने उससे इसकी मंजूरी नहीं ली।
उन्होंने दावा किया कि दिल्ली सरकार ने ‘घर-घर राशन’ योजना के लिए केंद्र सरकार से पांच बार मंजूरी ली है और कानूनन उसे ऐसा करने की जरूरत नहीं थी, फिर भी उसने मंजूरी ली, क्योंकि वह केंद्र सरकार के साथ कोई विवाद नहीं चाहते थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में यह योजना सिर्फ दिल्ली में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में लागू होनी चाहिए, क्योंकि राशन की दुकानें ‘सुपरस्प्रेडर’ (महामारी के अत्यधिक प्रसार वाली जगह) हैं।
सीएम ने कहा, अगर इस देश में पिज़्ज़ा, बर्गर, स्मार्टफोन कपड़ों की होम डिलीवरी हो सकती है तो गरीबों के घरों में राशन की होम डिलीवरी क्यों नहीं होनी चाहिए? सारा देश जानना चाहता है आपने यह स्कीम खारिज क्यों की? आपने यह भी लिखा है की कोर्ट में केस चल रहा है इसलिए यह योजना खारिज की जा रही है। इस बात पर योजना कैसे खारिज हो सकती है? अगर आप राशन माफिया के साथ खड़े होंगे तो देश के गरीबों का क्या होगा? 20 लाख गरीब परिवारों की कौन सुनेगा?
आदरणीय प्रधानमंत्री जी, दिल्ली में गरीबों के लिए शुरू होने वाली घर-घर राशन योजना को कृपया मत रोकिए | Press Conference | LIVE https://t.co/gq4dBgQAvO
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) June 6, 2021