एलोपैथी पर रामदेव की टिप्पणियों से नाराज रेजिडेंट डॉक्टरों के एसोसिएशनों के परिसंघ ने शनिवार को कहा कि वे एक जून को राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन करेंगे और इसे काले दिवस के रूप में मनाएंगे। परिसंघ ने बयान जारी कर रामदेव से ‘सार्वजनिक रूप से बिना शर्त माफी मांगने’ को कहा।

फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) इंडिया ने शनिवार को कहा कि, वे 1 जून को कोरोना योद्धाओं और आधुनिक चिकित्सा के खिलाफ योग गुरू बाबा रामदेव के बयानों के विरोध में आवाज उठाने के लिए रोगी की देखभाल में बाधा डाले बिना देशव्यापी काला दिवस विरोध प्रदर्शन करेंगे। FORDA बिना शर्त सार्वजनिक माफी या महामारी रोग अधिनियम के तहत उसके खिलाफ कार्रवाई की भी मांग करता है।
अपने बयान में, FORDA ने दावा किया कि रामदेव ने भारत में कोरोना टीकाकरण अभियान को कथित रूप से पटरी से उतारने का प्रयास किया है। एसोशिएसन ने रामदेव की टिप्पणी को कथित तौर पर देश में वैक्सीन को लेकर लोगों गुमराह करने का आऱोप लगाया है।
Federation of resident doctors' associations say they will hold nationwide protest on June 1 over Ramdev's remarks on allopathy
— Press Trust of India (@PTI_News) May 29, 2021
कोरोना वायरस संक्रमितों के इलाज में इस्तेमाल की जा रहीं कुछ दवाओं पर रामदेव द्वारा सवाल उठाने जाने पर विवाद खड़ा हो गया था। रामदेव ने कहा था, ‘कोविड-19 के इलाज में एलोपैथी दवाओं के सेवन से लाखों लोगों की जान जा चुकी है।’ रामदेव की इन टिप्पणियों का कड़ा विरोध हुआ, जिसके बाद केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने उनसे ‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण’ बयान वापस लेने को कहा।
जिसके बाद रामदेव ने बीते रविवार को मजबूर होकर अपना बयान वापस ले लिया। उसके अगले ही दिन उन्होंने भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) को खुला पत्र लिखकर 25 सवाल पूछे। उन्होंने पूछा कि क्या एलोपैथी से बीमारियों से स्थायी रूप से छुटकारा मिल जाता है।
विवादित बयानों के लेकर रामदेव की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रहीं। एलोपैथी पर टिप्पणी के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के बाद अब फेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FAIMA) ने भी रामदेव को कानूनी नोटिस भेजा है। FAIMA ने स्वास्थ्य कर्मियों के साथ एकजुटता दिखाते हुए और पूरे देश में रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (RDAs) की ओर से रामदेव को कानूनी नोटिस थमा दिया है।