CBSE 12th Board Exams 2021: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) कोरोना वायरस (COVID-19) से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा कर रहा है और 1 जून को कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा आयोजित करने का निर्णय करेगा। देशभर में तेजी से फेल रहे घातक कोरोना महामारी के बीच माता-पिता संघ सहित समाज के कई वर्गों ने मांग की है कि 12वीं की परीक्षाएं भी रद्द कर दी जाएं। वहीं, इसके विपरीत सीबीएसई स्कूलों की राष्ट्रीय परिषद ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ से परीक्षा आयोजित करने का आग्रह किया है। परीक्षा में शामिल होने वाले छात्र अधिक जानकारी के लिए सीबीएसई की आधिकारिक वेबसाइट cbse.gov.in को फॉलो कर सकते हैं।

गौरतलब है कि, साल 2021 की सीबीएसई कक्षा 12वीं बोर्ड परीक्षा 4 मई से शुरू होकर 14 जून तक चलनी थी। लेकिन देशभर में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के तेजी से फैलने के चलते सीबीएसई ने यह परीक्षा स्थगित कर दी। जबकि 10वीं बोर्ड परीक्षा को कैंसल कर दिया गया, अब 10वीं बोर्ड के रिजल्ट इंटरनल असेसमेंट के जरिये तैयार किए जा रहे हैं। जिसे 20 जून को जारी किया जाएगा। इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में निर्णय किया गया था।
सीबीएसई ने कहा है कि चार मई से 14 जून तक होने वाली कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं स्थगित की गई हैं, आगे कोरोना संक्रमण थमने के बाद ये परीक्षाएं होंगी। हालांकि, CBSE 12th Board Exam 2021 के बारे में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने पहले ही कहा है कि कक्षा 12वीं बोर्ड परीक्षा पर एक जून को आखिरी फैसला लिया जाएगा। बोर्ड ने यह भी कहा कि वह परीक्षा शुरू होने से कम से कम 15 दिन पहले छात्रों को कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं की तिथियों की जानकारी देगा।
क्या कहती है सीबीएसई स्कूलों की राष्ट्रीय परिषद?
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, सीबीएसई स्कूलों की राष्ट्रीय परिषद की महासचिव इंदिरा राजन ने कहा, “हमें लगता है कि परीक्षा में देरी होने पर भी परीक्षा आयोजित की जानी चाहिए, शायद वैकल्पिक परीक्षा पैटर्न का उपयोग करके भी।” महासचिव ने आगे कहा, “परीक्षा आयोजित करने का निर्णय छात्रों और अभिभावकों दोनों की चिंता का समाधान करेगा। उनमें से कई अच्छी गुणवत्ता वाले पेशेवर संस्थानों में प्रवेश का बेसब्री से इंतजार कर रहे है।”
सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका
सीबीएसई कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द करने के खिलाफ 18 मई को सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (जनहित याचिका) भी दायर की गई है। केरल के एक शिक्षक टोनी जोसेफ ने याचिका दाखिल करते हुए कहा कि परीक्षा रद करना छात्रों के लिए एक अनुचित निर्णय होगा। याचिका में कहा गया है कि कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा एक छात्र के जीवन का अभिन्न अंग है और उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इसलिए इसे कैंसल नहीं किया जा सकता।
क्या सीबीएसई 12वीं की परीक्षाएं रद्द होंगी?
पिछले हफ्ते, उच्चतम अदालत में एक और याचिका में सीबीएसई और काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआईएससीई) द्वारा आयोजित कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को रद करने का आग्रह किया गया था। टोनी जोसेफ द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका, अधिवक्ता ममता शर्मा द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर पिछली याचिका के विरोध में है।
माता-पिता और छात्रों का एक वर्ग मांग कर रहा है कि कक्षा 12वीं की परीक्षा भी रद्द कर दी जाए और कक्षा 10वीं के छात्रों के लिए अपनाई गई समान अंकन रणनीति अपनाई जाए। इंडिया वाइड पेरेंट्स एसोसिएशन ने भी 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने की मांग करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है।
इसमें कहा गया है कि कक्षा 12वीं बोर्ड की परीक्षा रद कर दी जाए और छात्रों के मूल्यांकन के लिए एक वैकल्पिक तरीका अपनाया जाए। कहा गया है कि कोरोना संक्रमण के चलते सीबीएसई 12 वीं बोर्ड परीक्षा ऑफलाइन मोड में संभव नहीं है। ऐसे में परीक्षा में और देरी करने से छात्रों को मानसिक तनाव होगा। उनका समय बर्बाद होगा।