देश में कोरोना वायरस से बिगड़े हालात और अस्पतालों में ऑक्सीजन के साथ दवाओं की किल्लत पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को चिंता जताई है। देश में कोरोना को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। कोर्ट ने चार मुद्दों पर स्वत: संज्ञान लिया है, जिसमें ऑक्सीजन की सप्लाई और वैक्सीन का मुद्दा भी शामिल है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि उनके पास कोविड-19 से निपटने के लिए क्या नेशनल प्लान है। कोर्ट ने हरीश साल्वे को एमिकस क्यूरी भी नियुक्त किया है।
file photoदेश में कोरोना से बिगड़े हालात और अस्पतालों में ऑक्सीजन के साथ दवाओं की किल्लत पर सुप्रीम कोर्ट सख्त हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार को नोटिस भेजा है। कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि उनके पास कोविड-19 से निपटने के लिए क्या नेशनल प्लान है। कोर्ट ने हरीश साल्वे को एमिकस क्यूरी भी नियुक्त किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने चार बड़े मुद्दों पर केंद्र से नेशनल प्लान मांगा है। इसमें पहला- ऑक्सीजन की सप्लाई, दूसरा- दवाओं की सप्लाई, तीसरा- वैक्सीन देने का तरीका और प्रक्रिया और चौथा- लॉकडाउन करने का अधिकार सिर्फ राज्य सरकार को हो, कोर्ट को नहीं। मामले की अगली सुनवाई 23 अप्रैल को होगी।
The CJI said, we have 4 issues primarily in mind – supply of oxygen, supply of essential drugs, manner of vaccination are among them. Senior Advocate, Harish Salve will represent as the amicus curiae, we want to see a national plan on this issue, the CJI said.
— ANI (@ANI) April 22, 2021
CJI ने कहा कि ‘हम आपदा से निपटने के लिए नेशनल प्लान चाहते हैं।’ सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘6 हाई कोर्ट इन मुद्दों पर सुनवाई कर रहे हैं। हम देखेंगे कि क्या मुद्दे अपने पास रखें।’ कोर्ट ने कहा कि लॉकडाउन लगाने का अधिकार राज्यों को होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वो ऑक्सीजन की सप्लाई, जरूरी दवाओं की सप्लाई, वैक्सीन लगाने का तरीका और प्रक्रिया और लॉकडाउन के मुद्दे पर विचार करेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर अलग-अलग राज्यों में हो रही सुनवाइयों पर कहा कि ‘दिल्ली, मध्य प्रदेश, बॉम्बे, कलकत्ता, सिक्किम और इलाहाबाद हाई कोर्ट मामले की सुनवाई कर रहे हैं, हालांकि वो अच्छे हित के लिए सुनवाई कर रहे हैं, लेकिन इससे भ्रम हो रहा है और संसाधन डाइवर्ट हो रहे हैं।’