प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कथित सांप्रदायिक राजनीति पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधते अभिनेता नकुल मेहता की एक अद्भुत कविता सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है, जिसकी यूजर्स जमकर तारीफ कर रहे हैं। नकुल मेहता की यह कविता आज की वास्तविकता को उजागर करने वाली हैं। इस कविता में उन्होंने बिना नाम लिए पीएम मोदी पर कई कटाक्ष भी किए हैं। मरघट का शहंशाह (श्मशान का राजा) के नाम से प्रसिद्ध कविता अब खूब वायरल हो रही है।
नकुल को वीडियो में कहते सुना जा रहा है, “उनकी ख्वाहिशों की तो कोई इंतेहा ही न थी। वो उंचे से उंचे मकामों पर बढ़ता गया, लाशों की सीढ़ियां चढ़ता गया। खुदा कहलाने का शौक था, जिसे मरघट का मसीहा बन के रह गया।”
वह अपनी कविता में आगे कहते है, “तुम पत्थर की कब्रें बनाना बंद करों, वो मंच समझकर चढ़ जाएँगा। फिर शुरु कर देगा भाषण, ये सोचकर कोई न कोई मुर्दा तो जरुर सुनने आएगा।”
अभिनेता नकुल मेहता की यह कविता अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है, लोग उनकी इस कविता को खूब पसंद कर रहे हैं।
A short epilogue for our poetry special #TooMuchDemocracy
“मरघट का शहंशाह”
लेखन: @ajaxsingh pic.twitter.com/eF8a7Yzg0R— Nakuul Mehta (@NakuulMehta) April 18, 2021