उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ‘रोटी बैंक’ की स्थापना कर गरीबों का पेट भरने वाले युवा सामाजिक कार्यकर्ता किशोर कांत तिवारी का गुरुवार को कोरोना वायरस से निधन हो गया। कोरोना संक्रमण होने के बाद किशोर कांत तिवारी ने फेसबुक के जरिए अपना एक संदेश दिया था। उनका आखिरी वीडियो संदेश अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।
तेज बुखार के चलते हालत बिगड़ने पर उन्हें रविंद्रपुरी स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। उन्हें टाइफाइड के बाद कोरोना हुआ था, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। कुछ दिन पहले किशोर ने फेसबुक लाइव के जरिए दो वीडियो शेयर किए थे। एक वीडियो में उन्होंने बताया था कि उन्होंने सारी जांच करा ली है सिर्फ टाइफाइड ही निकला और जल्द ही ठीक होने की बात कही थी। 53 मिनट 39 सेकंड के वीडियो में उन्होंने कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए लोगों को सतर्क रहने की बात कही थी।
मौत की जंग से जूझने के दौरान उन्होंने बेड पर लेटे-लेट एक फेसबुक पर लाइव किया था, जिसमें उन्होंने कोरोना को लेकर अपनी राय और अनुभव साझा किया था। उनका कहना था कि इस वक्त जनसंख्या नियंत्रण का काम चल रहा है, इसलिए कोरोना को हल्के में न लें। साथ ही अपील भी की थी कि लोग अपनी सुरक्षा का खुद ही ख्याल रखें। अपने आखिरी पैगाम में उन्होंने कहा था, अपनी जान की सुरक्षा अपने हाथ में ही रखें। कोरोना भयावह रूप ले रहा है। मैंने कोरोना को जाना और समझा है। इसे हल्के में न लें, क्योंकि यह पैर पसार चुका है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले कुछ दिनों से हालत खराब होने पर दो प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराया। उनके निधन से दो दिन पहले ही उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई जिसके बाद उनकी हालत और खराब होती गई। गुरुवार को उनका निधन हो गया।
मूल रूप से बिहार के सासाराम में रहने वाले किशोरकांत लंका सामनेघाट स्थित महेश नगर कॉलोनी में परिवारीजनों के साथ रहते थे। 2017 में उन्होंने वाराणसी में रोटी बैंक खोलकर गरीबों का पेट भरना शुरू किया था। साथियों के साथ किशोरकांत शहर में शादी विवाह, तेरही, बर्थडे पार्टी या अन्य मांगलिक कार्यों में बचे भोजन को जुटाने के बाद शहर के विभिन्न इलाकों में घूमकर गरीबों को बांटते थे।