देश के साथ ही छत्तीसगढ़ में भी तेजी से पांव पसार चुके कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर ने पूरे राज्य में कोहराम मचा रखा है। राज्य से कुछ ऐसी तस्वारें और वीडियों भी सामने आ रही है जिसे देखकर आपकी रूहें कांप उठेगी। वहीं, राज्य से कुछ ऐसी तस्वीरें भी सामने आ रही है जो पूरे मानवता को शर्मसार कर रही है। इस बीच, राजनांदगांव जिले में कोरोना से जिन लोगों की मौत हुई उन्हें शव वाहन तक नहीं मिला। उनके शवों को नगर पंचायत के कचरा फेंकने वाले वाहन से ले जाया गया।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, डोंगरगांव कोविड केयर सेंटर में 13 अप्रैल को दो सगी बहनों समेत तीन लोगों को भर्ती कराया गया था। आरोप है कि ऑक्सीजन की कमी के चलते तीनों की कोरोना से मौत हो गई। डोंगरगांव के ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी एक व्यक्ति की ऑक्सीजन की कमी की वजह से मौत हो गई। इन चारों शवों को नगर पंचायत के कचरा फेंकने वाले वाहन से मुक्तिधाम ले जाया गया।
पूरे मामले में सीएमएचओ डॉ मिथलेश चौधरी ने कहा कि मरीजों का ऑक्सीजन लेवल बेहद कम था। कचरा वाहन से शव ले जाने के मामले में उन्होंने कहा कि शव ले जाने की व्यवस्था सीएमओ और नगर पंचायत की है। वो ही अंतिम संस्कार के लिए शवों को मुक्तिधाम ले जाते हैं।
बता दें कि, इससे पहले रायपुर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल भीमराव अंबेडकर का एक वीडियो सामने आया था। वीडियो में उस जगह को दिखाया गया है, जहां मरीजों के शव रखे गए हैं। इतनी बड़ी तादाद में कोरोना संक्रमितों के शव दिखाई दे रहे हैं कि वहां इन्हें रखने की जगह तक नहीं है।
अस्पताल में लाशों को रखने के लिए जगह कम पड़ रही है और जमीन पर नहीं बल्कि खुले आसमान के नीचे डेड बॉडीज रखी गई हैं। शवों को रखने के लिए फ्रीजर तो छोड़िए बल्कि कुछ शव खुले आसमान के नीचे धूप में स्ट्रेचर पर पड़े हैं और कई शव अंदर की तरफ की जमीन पर हैं। लाशें ऐसे नजर आ रही हैं जैसे वो किसी ने सामान स्टॉक कर रखा हो।