दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार (संशोधन) विधेयक के राज्यसभा में पारित होने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कहा कि यह लोकतंत्र के लिए “दुखद दिन” है। उन्होंने कहा कि वह लोगों को सत्ता दोबारा सौंपने के लिए संघर्ष करते रहेंगे।

संसद ने दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार (संशोधन) विधेयक, (जीएनसीटीडी) 2021 पारित कर दिया जिससे उप राज्यपाल को और अधिक शक्तियां प्राप्त हो गई हैं। यह विधेयक सोमवार को लोकसभा से पारित हुआ था। केजरीवाल ने इसे भारतीय लोकतंत्र के लिए दुखद दिन बताया है।
उन्होंने ट्वीट किया, “राज्यसभा ने जीएनसीटीडी विधेयक पारित किया। भारतीय लोकतंत्र के लिए दुखद दिन। लोगों को सत्ता दोबारा सौंपने के लिए संघर्ष करते रहेंगे। जो भी अड़चने आएंगी हम अच्छा काम करते रहेंगे। काम न रुकेगा, न धीमा होगा।”
RS passes GNCTD amendment Bill. Sad day for Indian democracy
We will continue our struggle to restore power back to people.
Whatever be the obstacles, we will continue doing good work. Work will neither stop nor slow down.
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) March 24, 2021
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इसे लोकतंत्र के लिए काला दिवस बताया। उन्होंने ट्वीट किया, “आज का दिन लोकतंत्र के लिए काला दिन है। दिल्ली की जनता द्वारा चुनी गई सरकार के अधिकारों को छीन कर एलजी के हाथ में सौंप दिया गया। विडंबना देखिये कि लोकतंत्र की हत्या के लिए संसद को चुना गया जो हमारे लोकतंत्र का मंदिर है। दिल्ली की जनता इस तानाशाही के खिलाफ लड़ेगी।”
आज का दिन लोकतंत्र के लिए काला दिन है।दिल्ली की जनता द्वारा चुनी हुई सरकार के अधिकारों को छीन कर एलजी के हाथ में सौंप दिया गया।विडंबना देखिए कि लोकतंत्र की हत्या के लिए संसद को चुना गया जो हमारे लोकतंत्र का मंदिर है।दिल्ली की जनता इस तानाशाही के खिलाफ लड़ेगी. #BJPFearsKejriwal
— Manish Sisodia (@msisodia) March 24, 2021
दिल्ली राष्ट्रीय राज्य क्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक 2021 बिल बुधवार को राज्यसभा से पास कर दिया गया है. लोकसभा इस विधेयक को पहले ही मंजूरी दे चुकी है। यानी संसद से इसे स्वीकृति मिल चुकी है औऱ अब यह राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए जाएगा। इस बिल के जरिये दिल्ली निर्वाचित सरकार के मुकाबले लेफ्टिनेंट गवर्नर को ज्यादा शक्तियां दी गई हैं।
बुधवार को विधेयक पर चर्चा के बाद कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने वॉकआउट किया। विपक्ष के कई दलों ने इस विधेयक को संसद की प्रवर समिति को भेजे जाने की मांग की थी, जो सरकार ने मंजूर नहीं की। वहीं, गृह राज्यमंत्री जी कृष्ण रेड्डी ने चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि दिल्ली को जो अधिकार है वो रहेंगे। उनसे कोई अधिकार छीना नही गया है, दिल्ली पूरा राज्य नही है। संविधान में जो अधिकार दिए गए वो नही छीने नही गए हैं।