टेलिविजन रेटिंग प्वॉइंट (टीआरपी) के कथित घोटाला मामले में अर्नब गोस्वामी के रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क, इंडिया टुडे ग्रुप और न्यूज़ नेशन की मुश्किलें बढ़ सकती है। क्योंकि, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) फर्जी टीआरपी घोटाले के मामले में इसी महीने अपनी चार्जशीट दायर कर सकती हैं।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तरफ से इसी महीने कथित फर्जी टीआरपी घोटाले के मामले में चार्जशीट फाइल करने की संभावना है। इस मामले से जुड़े सूत्रों ने कहा कि एजेंसी अपनी चार्जशीट को अंतिम रूप दे रही है और उसने मुंबई में करीब 60 घरों के बयान दर्ज किए हैं कि एक विशेष टीवी चैनल को देखने के लिए घूस दिया गया था।
ईडी के आरोपपत्र में हंसा रिसर्च ग्रुप के कथित गलत काम, ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) के पूर्व प्रबंधन और कम से कम चार रिलेशनशिप मैनेजर (ग्राहक संबंध प्रबंधन) हैं, जिन्होंने कथित तौर पर चैनलों की TRP में हेरफेर करने में मदद की। बता दें कि, हंसा रिसर्च ग्रुप BARC की ओर से TRP को मापता है। रिलेशनशिप मैनेजर दर्शकों के डेटा के संग्रह के लिए घरों में स्थापित मीटर के रखरखाव के प्रभारी हैं।
कम से कम तीन समाचार फ़र्म- रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क, इंडिया टुडे ग्रुप और न्यूज़ नेशन और चार मनोरंजन चैनल ईडी की जांच के दायरे में हैं। आरोप है कि, इन चैंनलों ने कथित तौर पर टीआरपी बढ़ाने के लिए रिश्वत दी थी, ताकि उनकी विज्ञापन से होने वाली कमाई बढ़ सके।
ई़डी की तरफ से पिछले साल नवंबर में इस मामले में केस दर्ज किया गया था। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट दाखिल की गयी थी। जिसे पुलिस प्राथमिकी के समान ही माना जाता है।
बता दें कि, बार्क की शिकायत के बाद कथित फर्जी टीआरपी घोटाला सामने आया था। पुलिस ने आरोप लगाया था कि कुछ चैनल टीआरपी बढ़वाने के लिए रिश्वत दे रहे हैं, ताकि उनकी विज्ञापन से होने वाली कमाई बढ़ सके। आरोप में कहा गया था कि जिन घरों में टीआरपी मीटर लगे हुए थे, उन्हें कोई एक चैनल खोले रखने के लिए रिश्वत दी जा रही थी।