पहलवान बजरंग पूनिया ने शनिवार रात दिल्ली पुलिस द्वारा पत्रकार मनदीप पुनिया की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट की चुप्पी पर सवाल उठाया है। उन्होंने ट्वीट कर सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार को घेरा है, इसके साथ ही उन्होंने किसानों और मजदूरों का मसला भी उठाया। बजरंग पूनिया ने कहा कि, अर्नब गोस्वामी के लिए इमरजेंसी सुनवाई करने वाला सुप्रीम कोर्ट मनदीप पूनिया की गिरफ्तारी पर मौन क्यों है? उन्होंने पत्रकारों की आवाज दबाने का भी जिक्र किया और कहा कि लोकतंत्र में इस तरह की बातें ठीक नहीं हैं।

बजरंग पूनिया ने अपने ट्वीट में लिखा, “अर्नब के लिए इमरजेंसी सुनवाई करने वाला सुप्रीम कोर्ट मनदीप पूनिया पर मौन क्यों है? यह लोकतंत्र के अंदर ठीक नहीं है, इस बारे में कुछ सोचना चाहिए पत्रकारों की आवाज ऐसे नहीं दबानी चाहिए लोकतंत्र को तानाशाही में क्यू बदला जा रहा हैं। आम किसान मजदूर की बात सुनों उसे दबाने का काम न करें।”
अर्नब के लिए इमरजेंसी सुनवाई करने वाला सुप्रीम कोर्ट मनदीप पूनिया पर मौन क्यों है?यह लोकतंत्र के अंदर ठीक नहीं है,इस बारे में कुछ सोचना चाहिए पत्रकारों की आवाज ऐसे नहीं दबानी चाहिए लोकतंत्र को तानाशाही में क्यू बदला जा रहा हैं।आम किसान मजदूर की बात सुनों उसे दबाने का काम न करें। pic.twitter.com/8PTvPXybfC
— Bajrang Punia ?? (@BajrangPunia) January 31, 2021
बता दें कि, मनदीप पूनिया स्वतंत्र पत्रकार हैं और वे द कारवां के लिए फ्रीलांसिंग पत्रकारिता करते हैं। उन्हें दिल्ली पुलिस ने सिंघु बॉर्डर से 30 जनवरी को गिरफ्तार किय, उनके खिलाफ पुलिस ने चार धाराओं में केस दर्ज किया है। उन्हें तिहाड़ जेल के अंदर से एक अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14-दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
मनदीप पुनिया ने अपनी गिरफ्तारी से पहले सिंघु बॉर्डर पर शुक्रवार की हुई हिंसा में दिल्ली पुलिस और भाजपा सदस्यों के बीच सांठगांठ का खुलासा किया था।
दरअसल, पिछले दिनों सिंघु बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों पर कुछ लोगों ने कथित तौर पर स्थानीय नागरिक होने का दावा करते हुए पत्थरबाजी कर दिया था। इस दौरान दर्जनों की संख्या में ये सभी लोग हाथों में डंडा व पत्थर लेकर यहां पहुंचे थे। इसके बाद प्रदर्शनकारी व दिल्ली की तरफ से पहुंचे दर्जनों लोगों के बीच हिंसक झड़प हुई थी।
इस घटना के बाद मनदीप ने वीडियो जारी कर दावा किया था कि जो लोग स्थानीय होने का दावा करके किसानों पर हमला कर रहे थे, वह स्थानीय नहीं बल्कि भाजपा नेता थे। अपने वीडियो में मनदीप पुनिया ने हिंसक झड़प में शामिल लोगों की तस्वीर व वीडियो जारी कर उनके भाजपा कार्यकर्ता होने का दावा किया था। इनमें से एक को स्थानीय भाजपा पार्षद का पति भी बताया था।


















