भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) ने शनिवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में जल्द ही संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) लागू किया जाएगा।
फाइल फोटो: कैलाश विजयवर्गीयभाजपा के बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय उत्तरी 24 परगना जिले के ठाकुरनगर में संवाददाताओं को संबोधित कर रहे थे, जहां ज्यादातर मतुआ समुदाय के लोग रहते हैं। हालांकि, उन्होंने राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) पर कुछ नहीं कहा। उन्होंने कहा, “पश्चिम बंगाल सरकार यदि सीएए का विरोध करती है, तब भी हम इसे लागू करेंगे। राज्य यदि इसका समर्थन करेगा, तो अच्छा रहेगा।”
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने हाल ही में राज्य का दौरा किया था और कहा था कि इस कानून को लागू करने के नियम बनाए जा रहे हैं। एनआरसी लागू करने के बारे में एक सवाल के जवाब में विजयवर्गीय ने कहा, “हम यहां सीएए लागू करने की बात कर रहे हैं।”
बनगांव से भाजपा सांसद शांतनु ठाकुर ने बाद में संवाददाताओं से कहा, “हम केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के ठाकुरनगर दौरे का इंतजार करेंगे, जब वह सीएए लागू करने की घोषणा करेंगे।” ठाकुर मतुआ समुदाय से हैं। राज्य में इस समुदाय की अच्छी खासी आबादी है।
यह यह हिंदू शरणार्थियों की निचली जाति है जो देश के विभाजन के दौरान और बाद के दशकों में पड़ोसी देश बांग्लादेश से आए हैं। मतुआ समुदाय में स्थायी नागरिकता काफी समय से एक लंबी मांग है। पार्टी सूत्रों ने बताया विजयवर्गी और ठाकुर ने शाह की ठाकुरनगर की प्रस्तावित यात्रा के बारे में चर्चा की है।
बता दें कि, इससे पहले कैलाश विजयवर्गीय ने पत्रकारों से कहा था कि, ‘ हमें उम्मीद है कि सीएए के तहत शरणार्थियों को नागरिकता देने की प्रक्रिया अगले साल जनवरी से शुरू हो जाएगी।’ उन्होंने कहा था, ‘केंद्र सरकार ने सीएए को ईमानदार नीयत से पड़ोसी देशों से हमारे देश आए उत्पीड़ित शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए पारित किया था।’
गौरतलब है कि, सीएए में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आ गए हिंदू, सिख, बौद्ध, ईसाई, जैन और पारसी शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है। इस नए कानून को लेकर केंद्र सरकार को भारी विरोध का भी सामना करना पड़ा है। (इंपुट: भाषा के साथ)