पश्चिम बंगाल में मीडिया बिरादरी ने तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा द्वारा पार्टी की एक बैठक में की गई उस टिप्पणी को लेकर नाराजगी जाहिर की है जिसमें उन्होंने प्रेस को कथित तौर पर ‘‘दो पैसे’’ का कहा था। कोलकाता प्रेस क्लब ने सांसद महुआ मोइत्रा से माफी की मांग की है। वहीं, सांसद ने इस पर सफाई देते हुए कहा है कि यह एक बंद कमरे की बैठक थी इसलिए उन्होंने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा था कि यहां प्रेस को क्यों बुलाया गया है?

सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित वीडियो में कृष्णानगर की सांसद को नादिया जिले में रविवार को हुई बैठक के स्थल से एक व्यक्ति को जाने का इशारा करते हुए देखा जा सकता है। उस व्यक्ति ने खुद को पत्रकार बताया था। उन्हें वीडियो में यह कहते हुए भी सुना जा सकता है, ‘‘किसने यहां ‘दो पोइसर’ (दो पैसे की कीमत) वाली प्रेस को बुलाया है? इन तत्वों को कार्यक्रम स्थल से हटा दें। हमारी पार्टी के कुछ सदस्य ऐसे लोगों को टीवी पर अपना चेहरा दिखाने के लिए बंद-दरवाजे की बैठकों में आमंत्रित करते हैं। यह नहीं किया जाना चाहिए।’’
Liberals darling Mahua Moitra now labelled journalists as "Two paisa's press" ("দু'পয়সার প্রেস")! It is the same @AITCofficial culture which she adopted very soon! #TMCJungleRaj pic.twitter.com/z0N4pcJs0b
— AJOY DASGUPTA (@ajoydasgupta) December 7, 2020
प्रेस क्लब-कोलकाता ने एक बयान में मोइत्रा की टिप्पणियों को निंदनीय बताया और कहा कि उन्हें अपनी टिप्पणियां वापस लेनी चाहिए तथा माफी मांगनी चाहिए। बयान में कहा गया है, ‘‘उनका यह कथन निस्संदेह अनुचित और अपमानजनक है क्योंकि लोकतंत्र में एक पत्रकार का महत्व और उसके पेशे के प्रति सम्मान सार्वभौमिक रूप से मान्यता प्राप्त है।’’ इसमें कहा गया है, ‘‘एक पत्रकार का अपने पेशे और उसकी सामाजिक जिम्मेदारी के लिए लड़ाई और संघर्ष सभी को पता है। किसी को भी किसी मीडियाकर्मी का अपमान करने का अधिकार नहीं है, हम सांसद की टिप्पणी की निंदा करते हैं और आशा व्यक्त करते हैं कि वह इसे तुरंत वापस लेंगी तथा माफी मांगेंगी।’’
मोइत्रा ने इस संबंध में ट्विटर पर एक तरफ माफी मांगी और दूसरी तरफ कहा कि उन्होंने सही बात कही तथा उनका संपादन कौशल सुधर रहा है। प्रेस क्लब-कोलकाता के अध्यक्ष स्नेहासिस सूर ने मंगलवार को कहा कि पत्रकार इससे आहत हुए हैं।
द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए, अपनी सफाई में मोइत्रा ने कहा कि रिपोर्टर को जिला यूनिट के एक धड़े ने बंद कमरे की बैठक में बुलाया था। यह धड़ा पार्टी में हालिया संगठनात्मक बदलाव से नाखुश था। मैंने पार्टी कार्यकर्ताओं से नाराज होते हुए कहा था कि पत्रकार को यहां क्यों बुलाया गया है।
कोलकाता प्रेस क्लब की आलोचना का जवाब देते हुए सांसद ने कहा, “प्रेस क्लब को इसके बजाय पत्रकारों को ट्रेनिंग देनी चाहिए। हर मोबाइल फोन लिए शख्स को ‘पत्रकार’ नहीं कहा जा सकता है। यह एक बंद कमरे की बैठक थी और मैंने अपने कार्यकर्ताओं को भी फोन रखने की इजाजत नहीं दी थी।”