भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी समेत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कई वरिष्ठ नेताओं ने अंग्रेजी समाचार चैनल ‘रिपब्लिक टीवी’ के एंकर और संस्थापक अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी की निंदा की है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि गोस्वामी को 53 वर्षीय एक इंटीरियर डिजाइनर को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में बुधवार को गिरफ्तार किया गया।
उल्लेखनीय है कि, मुंबई पुलिस ने एक 53 वर्षीय इंटीरियर डिजाइनर को कथित तौर पर आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में बुधवार को रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी को गिरफ्तार किया। गोस्वामी को जब गिरफ्तार करके ले जाया जा रहा था तब पुलिस द्वारा उन्हें वैन में धक्का देते हुए देखा गया। गोस्वामी ने दावा किया कि घर में भी उनसे मारपीट की गई।
अलीबाग पुलिस के एक दल ने मुंबई स्थित गोस्वामी के आवास से उन्हें बुधवार सुबह गिरफ्तार किया। गोस्वामी को पुलिस वैन में धकेले जाते हुए देखा गया और उन्होंने दावा किया कि पुलिस ने उनके साथ बदसलूकी की।
अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने अपने ट्वीट में लिखा, “प्रत्येक व्यक्ति जो एक स्वतंत्र प्रेस और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में विश्वास करता है, महाराष्ट्र सरकार की अर्नब गोस्वामी की बदमाशी और उत्पीड़न पर उग्र है। यह सोनिया और राहुल गांधी द्वारा निर्देशित उन लोगों को चुप कराने का एक और उदाहरण है जो उनसे असहमत हैं। शर्मनाक!”
Every person who believes in a free press and freedom of expression is furious at the Maharashtra Government’s bullying and harassment of Arnab Goswami. This is yet another instance of Sonia and Rahul Gandhi-directed antic of silencing those who disagree with them. Shameful!
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) November 4, 2020
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, “भारत ने आपातकाल के लिए इंदिरा गांधी को माफ नहीं किया। भारत ने कभी भी प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला करने के लिए राजीव गांधी को माफ नहीं किया। और अब, भारत फिर से पत्रकारों के बराबर पाने के लिए सोनिया-राहुल गांधी को उनके बेशर्म और राज्य सत्ता के उपयोग के लिए धमकाने की सजा देगा।”
India didn’t forgive Indira Gandhi for the Emergency. India never forgave Rajiv Gandhi for his assault on press freedom. And now, India will again punish Sonia-Rahul Gandhi for their brazen and intimidating use of state power to get equal with journalists.
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) November 4, 2020
सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को कहा कि यह महाराष्ट्र में “प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला है” और इससे “आपातकाल के दिनों” की याद आती है। जावड़ेकर ने ट्वीट किया, “महाराष्ट्र में प्रेस की स्वतंत्रता पर हमले की हम निंदा करते हैं। प्रेस के साथ पेश आने का यह तरीका नहीं है। इससे आपातकाल के दिनों की याद आती है जब प्रेस के साथ इस प्रकार का व्यवहार किया जाता था।”
मुंबई में प्रेस-पत्रकारिता पर जो हमला हुआ है वह निंदनीय है। यह इमरजेंसी की तरह ही महाराष्ट्र सरकार की कार्यवाही है। हम इसकी भर्त्सना करते हैं।@PIB_India @DDNewslive @republic
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) November 4, 2020
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने ट्वीट में लिखा, “कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने एक बार फिर लोकतंत्र को शर्मसार किया है। रिपब्लिक टीवी और अर्नब गोस्वामी के खिलाफ राज्य की सत्ता का दुरुपयोग दुरुपयोग व्यक्तिगत स्वतंत्रता और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला है। यह हमें आपातकाल की याद दिलाता है। इसका विरोध होगा।”
Congress and its allies have shamed democracy once again.
Blatant misuse of state power against Republic TV & Arnab Goswami is an attack on individual freedom and the 4th pillar of democracy.
It reminds us of the Emergency. This attack on free press must be and WILL BE OPPOSED.
— Amit Shah (@AmitShah) November 4, 2020
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री ईरानी ने ट्वीट किया, ‘‘ स्वतंत्र प्रेस के लोग अगर आज अर्नब के समर्थन में खड़े नहीं होते हैं , तो आप रणनीतिक रूप से फासीवाद के समर्थन में हैं। आप भले ही उन्हें पसंद नहीं करते हों, आप उनको चाहे मान्यता नहीं देते हों, भले ही आप उनकी उपस्थिति को नजर अंदाज करते हों लेकिन अगर आप चुप रहे तो आप दमन का समर्थन करते हैं। अगर अगले शिकार आप होंगे, तो फिर कौन बोलेगा?’’
Those in the free press who don’t stand up today in support of Arnab, you are now tactically in support of fascism. You may not like him, you may not approve of him,you may despise his very existence but if you stay silent you support suppression. Who speaks if you are next ?
— Smriti Z Irani (@smritiirani) November 4, 2020
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने ट्वीट कर कहा, “आपातकाल 1977 में ख़त्म हुआ पर मानसिकता बनी रही। आपातकाल का समर्थन करनेवाली कांग्रेस- शिवसेना साथ आने के बाद उसी मानसिकता का दर्शन दे रहे है। सरकार विरोधी हर आवाज को कुचलने का प्रयास लोकतंत्र पर धब्बा है। भारत ने एक ही बात सीखी है, हर ज़ोर ज़ुल्म की टक्कर में संघर्ष हमारा नारा है।”
आपातकाल 1977 में ख़त्म हुआ पर मानसिकता बनी रही।
आपातकाल का समर्थन करनेवाली कांग्रेस- शिवसेना साथ आने के बाद उसी मानसिकता का दर्शन दे रहे है।
सरकार विरोधी हर आवाज को कुचलने का प्रयास लोकतंत्र पर धब्बा है। भारत ने एक ही बात सीखी है, हर ज़ोर ज़ुल्म की टक्कर में संघर्ष हमारा नारा है।— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) November 4, 2020