प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात दौरे के दूसरे दिन शनिवार (31 अक्टूबर) को सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर केवड़िया से संबोधन करते हुए पुलवामा हमले को लेकर पाकिस्तान की संसद में हुए कबूलनामे को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा।
प्रधानमंत्री मोदी ने देश के राजनीतिक दलों के देशविरोधी ताकतों के हाथों में न खेलने की अपील की। प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय एकता और अखंडता के अग्रदूत लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि आज हम 130 करोड़ देशवासी मिलकर एक ऐसे राष्ट्र का निर्माण कर रहे हैं जो सशक्त भी हो और सक्षम भी हो। जिसमें समानता भी हो, और संभावनाएं भी हों।आत्मनिर्भर देश ही अपनी प्रगति के साथ साथ अपनी सुरक्षा के लिए भी आश्वस्त रह सकता है। इसलिए, आज देश रक्षा के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बनने की ओर बढ़ रहा है। इतना ही नहीं, सीमाओं पर भी भारत की नजर और नजरिया अब बदल गए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, आज यहां जब मैं अर्धसैनिक बलों की परेड देख रहा था, तो मन में एक और तस्वीर थी। ये तस्वीर थी पुलवामा हमले की। देश कभी भूल नहीं सकता कि जब अपने वीर बेटों के जाने से पूरा देश दुखी था, तब कुछ लोग उस दुख में शामिल नहीं थे, वो पुलवामा हमले में अपना राजनीतिक स्वार्थ देख रहे थे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश भूल नहीं सकता कि तब कैसी-कैसी बातें कहीं गईं, कैसे-कैसे बयान दिए गए। देश भूल नहीं सकता कि जब देश पर इतना बड़ा घाव लगा था, तब स्वार्थ और अहंकार से भरी भद्दी राजनीति कितने चरम पर थी।
प्रधानमंत्री मोदी बोले, पिछले दिनों पड़ोसी देश से जो खबरें आईं हैं, जिस प्रकार वहां की संसद में सत्य स्वीकारा गया है, उसने इन लोगों के असली चेहरों को देश के सामने ला दिया है। अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए, ये लोग किस हद तक जा सकते हैं, पुलवामा हमले के बाद की गई राजनीति, इसका बड़ा उदाहरण है।
प्रधानमंत्री मोदी ने राजनीतिक दलों से आग्रह करते हुए कहा, देश की सुरक्षा के हित में, हमारे सुरक्षाबलों के मनोबल के लिए, कृपा करके ऐसी राजनीति न करें, ऐसी चीजों से बचें। अपने स्वार्थ के लिए, जाने-अनजाने आप देशविरोधी ताकतों के हाथों में खेलकर, न आप देश का हित कर पाएंगे और न ही अपने दल का। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमें ये हमेशा याद रखना है कि हम सभी के लिए सर्वोच्च हित-देशहित है। जब हम सबका हित सोचेंगे, तभी हमारी भी प्रगति होगी, उन्नति होगी।
पिछले दिनों पड़ोसी देश की संसद में जिस प्रकार पुलवामा के सत्य को स्वीकारा गया है,
उसने इन लोगों के असली चेहरों को देश के सामने ला दिया है।
मैं ऐसे राजनीतिक दलों से आग्रह करूंगा कि, देश की सुरक्षा के हित में, कृपा करके ऐसी राजनीति न करें, ऐसी चीजों से बचें। #NationalUnityDay pic.twitter.com/ioK7wJ8R8U
— BJP (@BJP4India) October 31, 2020
गौरतलब है कि, बीचे दिनों पाकिस्तान ने अधिकारिक तौर पर आखिरकरा मान लिया कि पुलवामा हमले के पीछे उनका हाथ था। पाकिस्तानी संसद में इमरान खान सरकार के मंत्री फवाद चौधरी ने पिछले साल पुलवामा में किए गए आतंकी हमले को ‘अपनी कामयाबी’ करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह हमला प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व में देश की कामयाबी है।
पिछले साल 14 फरवरी 2019 को कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमला हुआ था जिसमें CRPF के 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने आईईडी से भरी एक कार का इस्तेमाल किया था, जिसे सीआरपीएफ जवानों के काफिले से लड़ा दिया गया था। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान बेस्ड आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। (इंपुट: आईएएनएस के साथ)