पुलवामा हमले को लेकर पाकिस्तान बेनकाब होता जा रहा है। इस बीच, पाकिस्तान ने अधिकारिक तौर पर आखिरकरा मान लिया कि पुलवामा हमले के पीछे उनका हाथ था। पाकिस्तानी संसद में इमरान खान सरकार के मंत्री फवाद चौधरी ने पिछले साल पुलवामा में किए गए आतंकी हमले को ‘अपनी कामयाबी’ करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह हमला प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व में देश की कामयाबी है।
पाकिस्तानी संसद में इमरान के मंत्री ने कहा कि, “पाकिस्तान ने पुलवामा की घटना के बाद भारत को करारा जवाब दिया और पाकिस्तान वायु सेना ने अपने क्षेत्र में प्रवेश करने के बाद दुश्मन को मार गिराया। उन्होंने विपक्ष को अपने व्यवहार पर पुनर्विचार करने की सलाह दी और कहा कि संघीय सरकार की आलोचना का हमेशा स्वागत किया जाता है लेकिन राज्य की आलोचना नहीं की जानी चाहिए।”
उन्होंने पाक संसद में कहा, “सादिक कह रहे थे कि कुरैशीजी की टांगें कांप रही थीं। मैं कहता हूं कि हमने हिंदुस्तान को घुसकर मारा है। पुलवामा में जो कामयाबी है, वो इमरान सरकार के नेतृत्व में कौम की कामयाबी है। उस कामयाबी के हिस्सेदार आप लोग हैं और हम लोग हैं। ये हम लोगों के लिए फख्र का मौका है।”
बता दें कि, फवाद चौधरी पाकिस्तान के ऐसे नेता हैं जो अपने बयानों के लिए चर्चा में रहते हैं। आए दिन भारत को धमकी देते रहते हैं और अपना मजाक उड़वाते हैं।
#WATCH: Pakistan's Federal Minister Fawad Choudhry, in the National Assembly, says Pulwama was a great achievement under Imran Khan's leadership. pic.twitter.com/qnJNnWvmqP
— ANI (@ANI) October 29, 2020
दरअसल, एक दिन पहले ही विपक्ष के सांसद अयाज सादिक ने संसद में कहा था कि जब बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद भारत के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान पाकिस्तान की कैद में थे, तब पाकिस्तान सरकार को डर सता रहा था कि भारत हमले की तैयारी कर रहा है। उन्होंने दावा किया था कि विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने विपक्षी दलों से कहा था कि अभिनंदन को जाने दें, वरना भारत रात 9 बजे हमला कर देगा।
गौरतलब है कि, पिछले साल 14 फरवरी 2019 को कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमला हुआ था जिसमें CRPF के 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने आईईडी से भरी एक कार का इस्तेमाल किया था, जिसे सीआरपीएफ जवानों के काफिले से लड़ा दिया गया था। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान बेस्ड आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी।