कारवां पत्रिका ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उत्तर दिल्ली के मॉडल टाउन में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान रिपोर्टिंग करते हुए उनके एक पत्रकार को हिरासत में लिया और उसके साथ मारपीट की, लेकिन पुलिस ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उसने कानून के मुताबिक काम किया।

पत्रिका ने ट्वीट में आरोप लगाया कि पुलिस ने 24 वर्षीय पत्रकार अहान पेनकर का फोन जबरन लेकर रिपोर्टिंग के दौरान रिकॉर्ड किए गए सारे वीडियो हटा दिए। पत्रिका ने आरोप लगाया कि पत्रकार को करीब चार घंटे तक हिरासत में रखा गया। उसकी नाक, कंधे, पीठ और टखने पर चोट आईं।
पत्रिका ने कहा कि उसने दिल्ली पुलिस आयुक्त से इसकी शिकायत की है। हालांकि, पुलिस ने आरोपों को खारिज करते हुए इसे ‘झूठा’ बताया और कहा कि केवल हालात को बिगाड़ने के लिए आरोप लगाए जा रहे हैं।
The police forcibly took his phone from him and then deleted all the videos he had recorded while reporting. He was detained for nearly four hours. He has sustained injuries on his nose, his shoulder, his back and his ankle.
— The Caravan (@thecaravanindia) October 16, 2020
पुलिस ने दावा किया कि कोरोना वायरस से संबंधित पाबंदियों का उल्लंघन करने के मामले में हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारियों में पत्रकार शामिल था और बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया। उसने कहा कि पुलिस कार्रवाई कानून के मुताबिक थी। पुलिस ने यह भी कहा कि उसने पत्रकार के बयान के लिए और इस मामले में पूछताछ के लिए उसे नोटिस भेजा है।
पुलिस के अनुसार, 4 अक्टूबर को मॉडल टाउन पुलिस स्टेशन में 74 वर्षीय विधवा के घर में घरेलू सहायिका के रूप में काम करने वाली लड़की द्वारा आत्महत्या करने का मामला सामने आया था। पुलिस ने कहा कि सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टरों के बोर्ड द्वारा किए गए पोस्टमॉर्टम में मौत की वजह फांसी के फंदे से लटकने की वजह से दम घुटने से हुई और यह आत्महत्या का मामला है। उसने कहा कि वजीरपुर में 8 अक्टूबर को परिवार के सदस्यों ने अंतिम संस्कार किया। जांच में अभी तक कोई षड्यंत्र की बात सामने नहीं आई।
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस उपायुक्त (उत्तर पश्चिम) विजयंत आर्या ने कहा, ‘‘शुक्रवार को कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर अनुचित दबाव बनाने और घटना को अलग रूप देने की कोशिश में मॉडल टाउन थाने के बाहर प्रदर्शन किया। मामले के तथ्यों को स्पष्ट करने और तितर-बितर होने की चेतावनियों के बावजूद कुछ लोग अड़े रहे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इन लोगों ने महामारी के मद्देनजर लागू डीडीएमए के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया।’’
पुलिस अधिकारी ने कहा कि दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के आदेश के उल्लंघन के मामले में प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया। पुलिस ने दावा किया कि भीड़ में प्रदर्शन करते हुए अहान पेनकर नामक युवक को भी हिरासत में लिया गया और बाद में छोड़ दिया गया।