सचिन पायलट खेमे की वापसी के बाद भी राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार पर सियासी संकट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। राजस्थान विधानसभा में भाजपा ने अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का ऐलान किया है। भाजपा का कहना है कि गहलोत सरकार के पास संख्या नहीं है
बता दें कि, शुक्रवार (14 अगस्त) से शुरू होने जा रहे विधानसभा सत्र में भाजपा की ओर से अविश्वास प्रस्ताव लाने का ऐलान किया है। नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने यह घोषणा की। कटारिया ने कहा कि, “हम अपने सहयोगियों के साथ कल विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव ला रहे हैं।” विपक्ष की इस चुनौती के बाद अब गहलोत सरकार को सरकार बचाने के लिए फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित करना होगा
We are bringing a no-confidence motion tomorrow in the Assembly along with our allies: Gulab Chand Kataria, Leader of Opposition in #Rajasthan Assembly pic.twitter.com/5Pwbift3yQ
— ANI (@ANI) August 13, 2020
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने बताया कि कांग्रेस सरकार अपने विरोधाभास से गिरेगी। सतीश पुनिया ने कहा कि सरकार में बहुत सारे मतभेद हैं। संभावना है कि वे विधानसभा में विश्वास मत ला सकते हैं लेकिन हम अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए भी तैयार हैं।
There are a lot of differences in the government. The way they have struggled, there are chances that they might bring a vote of confidence in the Assembly but we are also ready to bring a no-confidence motion: Satish Punia, BJP Rajasthan President pic.twitter.com/JsRyIxN3OL
— ANI (@ANI) August 13, 2020
गौरतलब है कि, विधानसभा सत्र के पहले शाम 5 बजे अशोक गहलोत के सरकारी आवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक आयोजित होगी, इसमें सचिन पायलट और उनके ख़ेमे के विधायकों को भी विधायक दल की बैठक में बुलाया गया है। बैठक में सचिन पॉयलट और अशोक गहलोत की मुलाकात भी होगी। केसी वेणुगोपाल की मौजूदगी में विधायक दल की बैठक आयोजित होगी।
बता दें कि, गुरुवार को ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जयपुर में विधायकों के साथ बड़ी बैठक की। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी शामिल हुईं, जबकि केंद्रीय नेतृत्व की ओर से प्रतिनिधि ने भी बैठक में हिस्सा लिया।
राजस्थान में विधानसभा कुल 200 सीटें हैं, बहुमत के लिए 101 सीटों की जरूरत है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 100 सीटों पर जीत दर्ज की थी। भाजपा ने 73 सीटों पर सफलता पाई थी। बीएसपी के छह उम्मीदवार विधायक बने। अन्य के खाते में 20 सीटें गई थी। बाद में बीएसपी के छह विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए थे।