कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने आशा कार्यकर्ताओं की हड़ताल को लेकर शनिवार को मोदी सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि सरकार गूँगी तो थी ही, अब शायद अंधी-बहरी भी हो गई है इसलिए आशा बहिनों की बात नहीं सुनती। उन्होंने आशा कार्यकर्ताओं को कोरोना योद्धा बताते हुए कहा कि छह लाख आशा कार्यकर्ता सरकार की अनदेखी के कारण हड़ताल पर जाने को मजबूर हैं।
राहुल गांधी ने एक ख़बर का लिंक शेयर करते हुए शनिवार (8 अगस्त) को लिखा, ‘‘आशा कार्यकर्ता देशभर में घर-घर तक स्वास्थ्य सुरक्षा पहुंचाती हैं। वे सच मायने में स्वास्थ्य योद्धा हैं लेकिन आज ख़ुद अपने हक़ के लिए हड़ताल करने पर मजबूर हैं।’’ कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘‘सरकार गूंगी तो थी ही, अब शायद अंधी-बहरी भी है।’’
आशा कार्यकर्ता देशभर में घर-घर तक स्वास्थ्य सुरक्षा पहुँचती हैं। वो सच मायने में स्वास्थ्य वॉरीयर्स हैं लेकिन आज ख़ुद अपने हक़ के लिए हड़ताल करने पर मजबूर हैं।
सरकार गूँगी तो थी ही, अब शायद अंधी-बहरी भी है।https://t.co/Swddx6lbof
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 8, 2020
बता दें कि, उन्होंने जिस खबर का हवाला दिया उसके मुताबिक, देश भर की आशाकर्मी अपनी कई मांगों को लेकर 7 अगस्त से दो दिन की हड़ताल पर हैं। आशा वर्कर्स की मांग है कि उन्हें बेहतर और समय पर वेतन मिले, और एक कानूनी स्थिति जो न्यूनतम मजदूरी सुनिश्चित करे, ताकि जिस तरह वो देश के पिछड़े और पहुंच से दूर इलाकों में जाकर अधिकारियों की मदद कर रही हैं वो जारी रख सकें।
खबर के मुताबिक, महाराष्ट्र की एक आशा वर्कर ने बताया कि वो सुबह 7 बजे से शाम के 5 बजे तक काम करती हैं। जिसके बदले उन्हें महीने का सिर्फ दो हजार रुपए मिलता है। आशा कार्यकर्ता बताती है कि उन लोगों को कोरोना के दौरान काम करने के लिए एक्सट्रा दो हजार रुपए महीना मिलने का वादा किया गया था, लेकिन वो भी अबतक नहीं मिले हैं।