दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार (30 जुलाई) को लगभग 20 साल पुराने रक्षा सौदे से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में समता पार्टी की पूर्व अध्यक्ष जया जेटली (Jaya Jaitley) को चार साल की कैद की सजा सुनाई है। अदालत ने उसकी उम्र के कारण ‘सहानुभूति’ दिखाने से इनकार कर दिया। इसके साथ ही जेटली के पार्टी के पूर्व सहयोगी गोपाल पछेरवाल और मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) एस.पी. मुरगई को भी अदालत ने जेल की समान सजा सुनाई है।
अदालत ने अपने आदेश में कहा, “सभी तीनों दोषियों को चार-चार साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है, साथ ही धारा 120 बी आईपीसी के तहत प्रत्येक पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना के भुगतान में चूक होने पर उन्हें चार महीने की साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी।”
विशेष सीबीआई न्यायाधीश वीरेंद्र भट्ट ने तीनों को गुरुवार शाम पांच तक सरेंडर करने का आदेश दिया। आज की सजा पर आदेश वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनाया गया था। इससे पहले सीबीआई ने दोषियों को अधिकतम सात साल जेल की सजा देने की बुधवार को मांग की थी जबकि सीबीआई के विशेष न्यायाधीश वीरेन्द्र भट ने गुरुवार तक के लिए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
यह मामला तहलका द्वारा 2000-2001 में किए गए एक स्टिंग आपरेशन ‘ऑपरेशन वेस्टलैंड’ के जरिए सामने आया था, जोकि एक रक्षा सौदे से जुड़ा मामला था। न्यूज पोर्टल तहलका ने इसे वर्ष 2001 के मध्य मार्च में जारी किया था। 20 जुलाई को स्टिंग ऑपरेशन के 20 साल बाद कोर्ट ने जया जेटली, मेजर जनरल एस पी मुरगई और गोपाल के पछेरवाल को दोषी ठहराया।
स्टिंग के आधार पर चार- जया जेटली, मेजर जनरल एस.पी. मुरगई, गोपाल के. पछेरवाल और सुरेंद्र कुमार सुरेखा के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था। हालांकि बाद में सुरेखा सीबीआई का अप्रूवर बन गया। सीबीआई ने जेटली व अन्य के खिलाफ 2006 में मामला दर्ज कराया था।
सीबीआई के अनुसार, जेटली ने 2000-01 में मुरगई, सुरेखा और पछेरवाल के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रची और फिर एम/एस वेस्टलैंड इंटरनेशनल, लंदन के प्रतिनिधि मैथ्यु सैमुअल से 2 लाख रुपये घूस के रूप में लिए। उन्होंने रक्षा सामग्रियों के आदेश को प्राप्त करने के मामले में लोकसेवकों पर प्रभाव डालने के उद्देश्य से ऐसा किया। जिसके तहत रक्षा मंत्रालय को हैंड हेल्ड थर्मल कैमरा(एसएसटीसी) मिलने थे।