एक चौंकाने वाले रहस्योद्घाटन में एक कार्यकर्ता ने सनसनीखेज रूप से खुलासा करते हुए चुनाव आयोग पर आरोप लगाया है कि पिछले साल के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान आयोग के सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स की देखरेख करने का जिम्मा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और आईटी सेल को दिया गया था।
महाराष्ट्र के आरटीआई एक्टिविस्ट साकेत गोखले ने ट्विटर पर यह बताया कि कैसे भारत के चुनाव आयोग के महाराष्ट्र निकाय ने राज्य में विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा आईटी सेल के एक ज्ञात सदस्य की सेवाएं ली थीं। एक्टिविस्ट के इस खुलासे के बाद देश में स्वच्छ और निष्पक्ष चुनाव कराने का दावा करने वाले चुनाव आयोग अब पक्षपात और डेटा लीक के अहम सवालों और गंभीर आरोपों से घिरता दिख रहा है। सोशल मीडिया पर व्यापक निंदा का सामना करते हुए राष्ट्रीय मतदान निकाय ने अब आश्चर्यजनक रहस्योद्घाटन पर एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
साकेत गोखले ने अपने ट्वीट में लिखा, “चौंकाने वाला विवरण: भारत निर्वाचन आयोग ने 2019 के राज्य विधानसभा चुनावों के लिए महाराष्ट्र में अपने सोशल मीडिया को संभालने के लिए भाजपा आईटी सेल को शाब्दिक रूप से काम पर रखा है।” अपने अगले ट्वीट में साकेत ने राज्य विधानसभा चुनावों के दौरान महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा प्रचारित सोशल मीडिया पोस्ट के एक जोड़े के स्क्रीनशॉट भी शेयर किया है।
Browsing through the old social media adverts of the Chief Electoral Officer, Maharashtra, something very strange stood out. The Chief Electoral Officer reports to the ECI.
In each of the ads, the address seemed to be the same:
"202 Pressman House, Vile Parle, Mumbai"
(1/6) pic.twitter.com/OAGJ2xiSet
— Saket Gokhale ???????? (@SaketGokhale) July 23, 2020
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘पता 202 प्रेसमैन हाउस, विले पार्ले, मुंबई था। मैंने यह पता लगाने का निर्णय लिया कि यह पता किसका है। यह साइनपोस्ट इंडिया नामक एक विज्ञापन कंपनी का निकला, जो देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई वाली भाजपा सरकार के तहत एक सरकार द्वारा संचालित एजेंसी थी।’
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में आगे कहा, ‘लेकिन इंतजार करें- यह आधी कहानी नहीं है। 202 प्रेसमैन हाउस का पता सोशल सेंट्रल नामक एक डिजिटल एजेंसी द्वारा भी इस्तेमाल किया गया था। यह एजेंसी देवांग दवे के पास है, जो भाजपा की युवा विंग भाजयुमो की आईटी और सोशल मीडिया के राष्ट्रीय संयोजक हैं।’
The address 202 Pressman House was also used by a digital agency called "Social Central".
This agency is owned by Devang Dave who is the national convener of IT & social media for BJP's Youth Wing @BJYM.
Guess who shows up on his client list on his website? (see images)
(3/6) pic.twitter.com/hx58c8n23C
— Saket Gokhale ???????? (@SaketGokhale) July 23, 2020
हालांकि, चौंकाने वाला खुलासा है कि सोशल मीडिया पर चुनाव आयोग के जन जागरण अभियान और पूरे चुनावी मिशन पर निगरानी का काम जिस कंपनी और शख्स को दिया गया वो तो भाजपा के युवा विंग बीजेवाईएम यानी भारतीय जनता युवा मोर्चा के आईटी सेल का संयोजक भी रहा है। नाम है देवांग दवे और उनकी कंपनी है सोशल सेंट्रल मीडिया सॉल्युशन एलएलपी।
चुनाव आयोग ने अपने सोशल मीडिया हैंडल और पेज पर भी वही पता लिखा था जो उस कंपनी और शख्स का था। सोशल सेंट्रल मीडिया के क्लाइंट लिस्ट में भाजपा और खुद महाराष्ट्र का मुख्य निर्वाचन अधिकारी का दफ्तर भी शामिल है।
चुनाव आयोग का जिम्मा राजनीतिक दलों के सोशल मीडिया हैंडल और पेज पर पैनी निगाह रखना था। लेकिन खुद आयोग के सोशल मीडिया हैंडल, वेबसाइट, पेज और इनमें दर्ज डेटा एक खास राजनीतिक दल के कारोबारी पदाधिकारी के पास गिरवी रखे थे। अपने स्वतंत्र और निष्पक्ष होने के दावों पर आंच, सवाल और आरोपों पर अब चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के सीईओ से जवाब तलब किया है। आयोग की प्रवक्ता से जब इस बारे में और उनके ट्वीट पर पूछा गया तो उन्होंने भी इसकी तस्दीक की कि सीईओ से पूरी जानकारी मिलने के बाद बताया जाएगा।