प्रवासी मजदूरों की स्थिति को लेकर जावेद अख्तर ने केंद्र और राज्य सरकार पर साधा निशाना

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कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए लागू किए गए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बाद से घर लौटने वाले प्रवासी मजदूरों का सड़कों पर हुजूम उमड़ पड़ा। लॉकडाउन मजदूरों के लिए परेशानियों का सबब बनता जा रहा है, घर वापसे जाते समय मजदूर तमाम तरह की दिक्कतों का सामने करने को मजबूर हैं। मजदूरों की स्थिति को लेकर मशहूर गीतकार और कवि एवं पटकथा लेखक जावेद अख्तर ने एक ट्वीट किया है, अपने इस ट्वीट के जरीए उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधा है।

फाइल फोटो

जावेद अख्तर ने अपने ट्वीट में लिखा, “लाखों प्रवासी चिलचिलाती धूप में अपने भूखे-प्यासे बच्चों के साथ या तो हाइवे पर पैदल चल रहे हैं या तो टिन में फंसी एक छोटी मछली की तरह ट्रक में फंसकर जा रहे हैं। यात्रा योजना के लिए केंद्र की तरफ से 85% और राज्य की तरफ से 15% किये जा रहे भुगतान का क्या हुआ।”

प्रवासी मजदूरों को लेकर किया गया जावेद अख्तर का यह ट्वीट सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोर रहा है, साथ ही लोग इसपर जमकर कमेंट भी कर रहे हैं। बता दें कि, जावेद अख्तर अक्सर समसामयिक मुद्दों पर अपने विचार साझा करते रहते हैं।

कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए लागू किए गए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बाद से घर लौटने वाले प्रवासी मजदूरों का सड़कों पर हुजूम उमड़ पड़ा। लेकिन घर पहुंचने से पहले बीच रास्ते में ही उनमें से कई को कभी वाहनों ने रौंद दिया, कभी उनके वाहन पलट गए या दो गाड़ियों के बीच टक्कर में उनकी मौत हो गई या कभी पटरियों पर रेलगाड़ी से कट कर मौत हो गई।

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