दिल्ली सरकार और उत्तराखंड पुलिस ने कई रिपोर्टों और एक वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद उन रिपोर्टों का खंडन किया है, जिसमें कहा जा रहा था कि मुस्लिमों को नमाज़ के लिए बुलाए जाने वाले अज़ान पर प्रतिबंध लगया गया है।
आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार (24 अप्रैल) को ट्वीट कर लिखा, “अजान के लिए कोई पाबंदी नहीं है। लॉकडाउन में मस्जिदों में नमाज़ के लिए इकट्ठा होने या किसी अन्य धार्मिक स्थल पर पूजा आदि के लिए लोगों के इकट्ठा होने पर पूरी तरह पाबंदी है।”
अजान के लिए कोई पाबंदी नहीं है. लॉकडाउन में मस्जिदों में नमाज़ के लिए इकट्ठा होने या किसी अन्य धार्मिक स्थल पर पूजा आदि के लिए लोगों के इकट्ठा होने पर पूरी तरह पाबंदी है. https://t.co/OxYGiqaIrR
— Manish Sisodia (@msisodia) April 24, 2020
दरअसल, एक महिला ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल से पूछा था कि किसी भी भ्रम या अफवाहों से बचने के लिए आपसे अनुरोध है कि मामले को साफ कीजिए। कोई भी मस्जिदों में नमाज के लिए नहीं आएगा, लेकिन क्या रमजान के दौरान अजान की भी इजाजत नहीं होगी?
इस महिला ने अपने ट्वीट के साथ दिल्ली के दो पुलिसकर्मियों का वीडियो भी शेयर किया था। वीडियो में, पुलिस को यह कहते हुए सुना गया था कि दिल्ली के उपराज्यपाल ने अज़ान पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है।
वहीं, उत्तराखंड में भी इसी तरह के कई दावे किए गए थे। कई मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया था कि पहाड़ी राज्य में भाजपा सरकार ने अज़ान पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि, डीजीपी, लॉ एंड ऑर्डर, अशोक कुमार ने एक स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि अज़ान पर कोई प्रतिबंध नहीं है और मुस्लिम कम मात्रा में लाउडस्पीकर का उपयोग कर सकते है।
श्री @Ashokkumarips DG Law & Order Sir ने बताया है कि अजान के सम्बन्ध में कुछ गलतफहमी हुई है। जनपद स्तर पर DM और SSP की अनुमति से कम वॉल्यूम पर अजान अता करने पर सहमति हुई है।#UttarakhandPolice #Ramadan pic.twitter.com/0vJ2x7ce8S
— Uttarakhand Police (@uttarakhandcops) April 24, 2020