“मैं निज़ामुद्दीन मरकज को खाली कराए जाने वाली टीम का हिस्सा थी और उन्होंने एक बार भी कभी दुर्व्यवहार नहीं किया”: ‘चिकित्सा अधिकारी’ का ट्वीट हुआ वायरस

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एक चिकित्सा अधिकारी होने का दावा करने वाली एक महिला का ट्वीट इस समय सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। अपने ट्वीट में उन्होने दावा किया है कि, वह निज़ामुद्दीन मरकज को खाली कराए जाने वाली टीम का हिस्सा थी और उन्होंने एक बार भी कभी दुर्व्यवहार नहीं किया।

निज़ामुद्दीन

बता दें कि, इस महिला चिकित्सा अधिकारी का यह ट्वीट ऐसे समय में आया है जब कुछ मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि निजामुद्दीन स्थित मरकज से निकाले जाने के बाद तबलीगी जमात के कुछ सदस्यों ने कथित तौर पर डॉक्टरों पर हमला किया। वहीं, दूसरों ने आरोप लगाया था कि तबलीगी जमात से जुड़े लोगों ने गाजियाबाद में नर्सों के साथ भी दुर्व्यवहार किया था। चिकित्सा अधिकारी के इस ट्वीट पर सोशल मीडिया यूजर्स भी जमकर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।

दरअसल, निज़ामुद्दीन मरकज़ मामले को लेकर वरिष्ठ पत्रकार रिफत जावेद ने हाल ही में एक ट्वीट किया था। अपने ट्वीट में रिफत जावेद ने लिखा था, “तब्लीगी जमात ने जो किया वह पूरी तरह से गैर जिम्मेदाराना था। मैं तबलीगी जमात को करीब से जानता हूं। वे कुछ मुद्दों पर कठोर और रूढ़िवादी हो सकते हैं लेकिन मैं यह मानने के लिए तैयार नहीं हूं कि वे महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार कर सकते हैं। यह उन्हें और मुसलमानों को बदनाम करने के लिए एक खतरनाक प्रचार है।”

रिफत के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए उर्वी शर्मा रैना (Urvi Sharma Raina) नाम की यूजर ने लिखा, “मैं निज़ामुद्दीन मरकज को खाली कराए जाने वाली टीम का हिस्सा थी और उन्होंने एक बार भी कभी दुर्व्यवहार नहीं किया।”

उर्वी शर्मा रैना के इन ट्वीट पर सोशल मीडिया यूजर्स जमकर अपनी प्रतिक्रयाएं दे रहे हैं। उनके इस ट्वीट को 4000 से ज्या लोगों ने रीट्वीट किया है। वहीं, 7000 से अधिक लोगों ने लाइक किया है। उर्वी शर्मा रैना ने अपने ट्विटर बायो पर खुद को एक चिकित्सा अधिकारी बताया है।

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, मुझे लगता है कि यह जरूरी था कि मैं अपने अनुभव के बारे में फ्रंटलाइन से बात करूं। मैं किसी भी तरह से दुर्व्यवहार की घटनाओं को स्वीकार नहीं कर रही हूं। लेकिन उन्हें अलग-अलग घटनाओं से निपटा जाना चाहिए और पूरे समुदाय के लिए सामान्यीकृत नहीं होना चाहिए।

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