साल 2012 के वीभत्स निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्याकांड केस के चारों दोषियों की फांसी एक बार फिर से टल गई है। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने मंगलवार (2 मार्च) को अगले आदेश तक के लिए फांसी पर रोक लगा दी है।
निर्भया गैंगरेप मर्डर केस के चारों आरोपियों में से एक पवन की दया याचिका राष्ट्रपति के सामने लंबित होने की वजह से पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों की फांसी पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। आज ही पवन की क्यूरेटिव याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की है, तो साथ ही पटियाला हाउस कोर्ट ने डेथ वारंट पर रोक लगाने की अक्षय और पवन की याचिका खारिज कर दी। इस बीच, पवन ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर कर दी।
बता दें कि, पुराने डेथ वारंट के अनुसार सभी दोषियों को मंगलवार सुबह छह बजे फांसी की सजा दी जानी थी। कोर्ट के फैसले के बाद फिलहाल यह टल गई है।
कोर्ट के फैसले के बाद निर्भया की मां आशा देवी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, “दोषियों को फांसी देने के लिए अदालत को अपने ही आदेश पर अमल करने में इतना समय क्यों लग रहा है? निष्पादन को बार-बार स्थगित करना हमारे सिस्टम की विफलता को दर्शाता है। हमारा पूरा सिस्टम अपराधियों का समर्थन करता है।”
Watch | "Our system is supporting the convicts," Asha Devi, #Nirbhaya's mother said soon after the hanging of the convicts was deferred. #NirbhayaCase #NirbhayaConvicts
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— NDTV (@ndtv) March 2, 2020
गौरतलब है कि, दक्षिण दिल्ली में 16-17 दिसंबर 2012 की रात में छात्रा के साथ चलती बस में छह व्यक्तियों ने सामूहिक बलात्कार के बाद उसे बुरी तरह जख्मी करके सड़क पर फेंक दिया था। इस छात्रा की बाद में 29 दिसंबर को सिंगापुर में माउन्ट एलिजाबेथ अस्पताल में मृत्यु हो गई थी।
इस मामले के छह आरोपियों में से एक राम सिंह ने तिहाड़ जेल में कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी जबकि एक अन्य आरोपी नाबालिग था, जिसे किशोर न्याय बोर्ड ने दोषी ठहराते हुए तीन साल की सजा सुनाई थी। इस आरोपी को सुधार गृह में तीन साल गुजारने के बाद रिहा कर दिया गया था।