देश में असहिष्णुता को लेकर केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने आरोप लगाया है कि भारत में इस पर बहस उन लोगों ने छेड़ी जिन्हें इस काम के लिए पैसे दिए गए। उन्होंने कहा कि यह कल्पनाशील लोगों के दिमाग की ‘गैर जरूरी’ उपज है जो बिहार चुनाव से पहले राजनीति से प्रेरित थी।
अमेरिकी दौरे पर गए विदेश राज्य मंत्री सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ (असहिष्णुता पर) यह विशेष बहस चर्चा का विषय ही नहीं है। यह उन बेहद कल्पनाशील दिमागों की अनावश्यक उपज है जिन्हें बहुत सा धन दिया जा रहा है।’’ सिंह ने आरोप लगाया कि भारत में असहिष्णुता पर छिड़ी बहस राजनीति से प्रेरित है और बिहार विधानसभा चुनाव से पूर्व जानबूझकर इसे पैदा किया गया।
सिंह ने दिल्ली विदानसभा चुनाव की याद दिलाते हुए कहा कि गिरिजाघर में चोरी के एक छोटे से मामले को गिरिजाघर पर हमले के तौर पर पेश किया गया। क्यों? क्योंकि कोई था, जो वोट हासिल करने की कोशिश कर रहा था और मीडिया इसमें सहयोग कर रहा था। मुझे नहीं पता कि उसे इसके लिए पैसा दिया जा रहा था या नहीं। यह ऐसा निर्णय या राय है जिसके बारे में आपको स्वयं सोचना है। चुनाव समाप्त होने के बाद सारा हो-हल्ला समाप्त हो गया।
वहीं सिंह के इस बयान को लेकर अशोक वाजपेयी ने कहा है कि मैं सिंह को चुनौती देता हूं कि वह ये बताएं कि किस लेखक और इतिहासकार को पैसे मिले हैं और इसका साक्ष्य भी दें।